एक दीपावली अजमेर में

 


एक दीपावली अजमेर में

अजमेर की भिनाय कोठी जहां महर्षि दयानन्द ने अपने अंतिम दिनों में निवास किया, जहां महर्षि ने अपने शरीर का त्याग किया, जहां महर्षि ने अपने प्यारे प्रभु को अंतिम बार स्मरण किया, जहां महर्षि ने अंतिम श्वास लिया, जहां से महर्षि की शरीर यात्रा अंत्येष्टि के लिए आरम्भ हुई, जहां गुरुदत्त विद्यार्थी आस्तिक बने, वह भिनाय कोठी यह सब स्मरण कराते हुए हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है।


महर्षि ने दीपावली की शाम को यहां देहत्याग किया। यह दिन महर्षि के बलिदान का दिन है, यह दिन व स्थान हमें उनकी विशेष स्मृति कराता है।

 

आइए जीवन में कम से कम एक बार दीपावली भिनाय कोठी अजमेर में करें। यहां महर्षि का निर्वाण दिवस, बलिदान दिवस मनाएं।


आइए संकल्प करें हमारे परिवार/समाज/गांव का कोई न कोई व्यक्ति हर बार दीपावली पर भिनाय कोठी अजमेर में श्रद्धाजंलि व प्रेरणा के लिए पधारे।


वर्ष में जब भी अवसर मिले एक बार यहां आकर अपनी भावना को दृढ़ करें।


अजमेर के आसपास रहने वाले ऋषिभक्त तो प्रतिवर्ष दीपावली पर आने का संकल्प सरलता से निर्वहण कर सकते हैं।


इस स्थान को प्रेरणा का केंद्र बनाने के लिए इसे हम सक्रिय कर सकते हैं। अजमेर के आसपास से निकलें तो कुछ देर के लिए भिनाय कोठी अवश्य पधारें।


हमारी घोर उपेक्षा के कारण भिनाय कोठी महर्षि की प्रेरणा फैलाने में समर्थ नहीं हो पाई। 

आइए महर्षि निर्वाण स्मारक, भिनाय कोठी को अपने तन मन धन से अधिकाधिक समर्थ करें।


इस बार सोमवार 24 अक्टूबर को प्रातः 10 से 12 बजे तक मनाए जा रहे निर्वाण व बलिदान दिवस में उपस्थित होकर सहभागी बनें। प्रीतिभोज के लिए ऋषिलँगर भी रखा गया है।


शाम को उसी कक्ष में जहां महर्षि ने प्राण त्यागे, 6 से 7 के मध्य ध्यान संध्या उपासना में भी सम्मिलित हो सकते हैं।


एक दीपावली अजमेर में, या हर दीपावली अजमेर में, ये आपका निर्णय सब को प्रेरणादायी होगा।

🙏


निवेदक

मुनि सत्यजित्

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