आज का वेद मंत्र 🚩

 🕉️🙏ओ३म् सादर नमस्ते जी 🙏🕉️

🌷🍃 आपका दिन शुभ हो 🍃🌷


दिनांक  - -    २८ सितम्बर २०२२ ईस्वी 

 

दिन  - -  बुधवार 



  🌒 तिथि - - - तृतीया ( २५:३० + तक तत्पश्चात चतुर्थी )



🪐 नक्षत्र -  -  स्वाति  ( पूरी रात्रि  )


पक्ष  - -  शुक्ल  


 मास  - -   आश्विन 


ऋतु  - -  शरद 

,  

सूर्य  - -  दक्षिणायन


🌞 सूर्योदय  - - दिल्ली में प्रातः  ६:१६ पर


🌞 सूर्यास्त  - -  १८:०७ पर 


🌒 चन्द्रोदय  - -  ८:२०  पर 


🌒चन्द्रास्त  - -  १९:४४  पर 


सृष्टि संवत्  - - १,९६,०८,५३,१२३


कलयुगाब्द  - - ५१२३


विक्रम संवत्  - - २०७९


शक संवत्  - - १९४४


दयानंदाब्द  - - १९८


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 🚩‼️ओ३म्‼️🚩


   🔥दूसरों को शिक्षा और प्रेरणा अपने आचरण से दी जा सकती है।

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   🌷बुरे आदमी बुराई के सक्रिय, सजीव प्रचारक होते हैं। वह अपने आचरणों द्वारा बुराइयों की शिक्षा लोगों को देते हैं। उनकी कथनी और करनी एक होती है। जहाँ भी ऐसा सामंजस्य होगा, उसका प्रभाव अवश्य पड़ेगा।


    कुविचारों को फैलाने के अगणित माध्यम आज मौजूद हैं। अश्लीलता, कामुकता, व्यभिचार, उच्छृंखलता को प्रोत्साहन देने वाली पुस्तकों, तस्वीरों, गीतों, पत्र-पत्रिकाओं, फिल्मों की आज भारी धूम है। उनका आकर्षक एवं व्यापक प्रचार जनसाधारण के भोले मस्तिष्कों को प्रभावित करके उन्हें अपने चंगुल में जकड़ लेता है और लोगों के मन बुराइयों की ओर झुक पड़ते हैं।


     एक बुरा व्यक्ति दूसरे अनेकों को अपनी बुराइयाँ सिखा लेता है। व्यभिचारी, नशेबाज, दुर्व्यसनी अपनी आदतों को कितने ही लोगों को सिखा देते हैं।


   आज अच्छाइयों के सच्चे एवं आदर्श प्रचारक नहीं हैं। बुराइयों के आस्थावान प्रचारक मौजूद हैं, वे बुरे काम करते हैं, बुराइयाँ सिखाते हैं, पर ऐसे धर्म प्रचारक कहाँ हैं, जो अपने आचरणों से दूसरों को शिक्षा और प्रेरणा प्रदान करें?


  महर्षि दयानंद सरस्वती, स्वामी श्रदानन्द, गौतम बुद्ध,, लोकमान्य तिलक, सन्त कबीर,गुरू नानक देव आदि की कथनी और करनी एक थी, वे अपने आदर्शों के प्रति सच्चे थे, इसलिए अगणित व्यक्ति उनका अनुकरण करने वाले, उनके आदर्शों पर बड़े से बड़ा त्याग करने वाले प्रस्तुत हो गए थे।


       हममें से कुछ लोग धर्म प्रचार का कार्य करते हैं, पर वह सब कहने भर की बातें होती है। इन प्रचारकों की कथनी और करनी में अन्तर रहता है। यह अन्तर जहाँ भी रहेगा, वहाँ प्रभाव भी क्षणिक रहेगा।


       सच्चे धर्म प्रचारक जिनकी कथनी और करनी एक रही है, अपने अगणित  अनुयायी बनाने में समर्थ हुए हैं।


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🕉️🚩 आज का वेद मंत्र 🚩🕉️


 ओ३म्  इड एह्यदित एहि काम्या एत । मयि वः कामधरणं भूयात् ।। (यजुर्वेद 


   💐अर्थ  :-  मनुष्यों को उत्तम-उत्तम पदार्थों की कामना निरन्तर करनी तथा उनकी प्राप्ति के लिए परमेश्वर की प्रार्थना और सदा पुरुषार्थ करना चाहिए । कोई मनुष्य अच्छी व बुरी कामना के बिना क्षणभर भी स्थित होने को समर्थ नहीं हो सकता इससे सब मनुष्यों को अधर्मयुक्त व्यवहारों की कामना छोड़कर धर्मयुक्त व्यवहारों की जितनी इच्छा बढ़ सके उतनी बढ़ानी चाहिए ।


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🔥विश्व के एकमात्र वैदिक  पञ्चाङ्ग के अनुसार👇

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 🙏 🕉🚩आज का संकल्प पाठ🕉🚩🙏


(सृष्ट्यादिसंवत्-संवत्सर-अयन-ऋतु-मास-तिथि -नक्षत्र-लग्न-मुहूर्त)       🔮🚨💧🚨 🔮


ओ३म् तत्सत् श्रीब्रह्मणो द्वितीये परार्द्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे 【एकवृन्द-षण्णवतिकोटि-अष्टलक्ष-त्रिपञ्चाशत्सहस्र- त्रिविंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२३ ) सृष्ट्यब्दे】【 नवसप्तत्युत्तर-द्विसहस्रतमे ( २०७९ ) वैक्रमाब्दे 】 【 अष्टनवत्यधिकशततमे ( १९८ ) दयानन्दाब्दे, नल-संवत्सरे,  रवि- दक्षिणयाने शरद -ऋतौ, आश्विन -मासे , शुक्ल - पक्षे, - तृतीयायां  तिथौ,  - स्वाति  नक्षत्रे, बुधवासरे तदनुसार  २८ सितम्बर , २०२२ ईस्वी , शिव -मुहूर्ते, भूर्लोके जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे 

आर्यावर्तान्तर्गते.....प्रदेशे.... जनपदे...नगरे... गोत्रोत्पन्न....श्रीमान .( पितामह)... (पिता)...पुत्रोऽहम् ( स्वयं का नाम)...अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ,  आत्मकल्याणार्थ,  रोग, शोक, निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे


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