डा फॉर्म का मालिक मुर्गी खरीद कर लाता है। उ

 डा फॉर्म का मालिक मुर्गी खरीद कर लाता है। उन्हें अनेक तरह के पौष्टिक और उत्तेजक आहार देता है, ताकि वे रोज अंडा दे सकें। दवाइयों के कारण अप्राकृतिक तरीके से मुर्गियां साल भर तक रोज अंडा देती हैं, जिससे मालिक का धंधा चलता है।  फिर एक दिन मुर्गी के अंडे देने का समय समाप्त हो जाता है। मालिक एक बार भी नहीं सोचता कि उसने इस मुर्गी के साढ़े तीन सौ अंडे बेंच कर रुपया बनाया है। वह उसी दिन से मुर्गियों को कटवा कर उनका मांस बेचने लगता है। और हाँ! फार्म के लिए अगले ही दिन नई मुर्गियां मंगा ली जाती हैं।

लव जिहाद में फँसी लड़कियां अपने शिकारी की दृष्टि में वही मुर्गी होती हैं। अंतर बस इतना है कि इनका मांस बिकता नहीं है सो यूं ही मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। हो सकता है कि आप कुछ उदाहरण दिखा दें, कि फलाँ ने अपनी बीवी को मारा नहीं बल्कि वह सुखी जी रही है, और वहाँ खूब प्रेम है। पर यह पूरी तरह सच नहीं है।     

यह भी सच है कि किसी शर्मिला टैगोर, अमृता सिंह, करीना कपूर या किरन राव को अधिक दिक्कत नहीं होती है, दिक्कत होती है उनकी देखा देखी किसी आमिर पर भरोसा कर लेने वाली वे आम लड़कियां, जो इन सिनेमाई कहानियों को सच मान लेती हैं। उसका दण्ड भुगतती है कोई नैना मंगलानी। कोई शिल्पी...

     परिवार की जरूरत क्यों?

क्या कभी आपने छोटे बच्चे के मुंह से मामा या बुआ शब्द सुना है? बहुत खुशी देता है यह शब्द। एक अपनापन लगता है। एक ऐसा बंधन जो सैंकड़ों किलोमीटर दूर होते हुए भी बांधता है। 

मैंने अनेक लव जेहाद केस देखे हैं। लड़कियों की काउंसलिंग की है। अनेक बार सफलता भी हाथ लगी है। परन्तु एक चीज सब केस में देखी है। माँ बाप और भाई के लिए वह लड़की हमेशा के लिए मर जाती है। प्रेम विवाह में अनेक बार रिश्तों की डोर दोबारा जुड़ते देखी है परन्तु लव जेहाद में नहीं(केरल बंगाल की बात नही करूँगा।)। जब वे लड़कियां मार दी जाती हैं तो उनके लिए कोई कोर्ट या पुलिस के चक्कर नही काटता और अपराधी साफ बच जाता है।

अनेक बार उन लड़कियों का प्रयोग अंग प्रत्यारोपण के लिए होता है। देहव्यापार और नाइटक्लब में तो सामान्य है। दुबई क्लबो में नाचने वाली लड़कियां भी इसी रास्ते से गई होती हैं। सदा सदा के लिए अपनो का विश्वास खो देती हैं।

कुछ दिन पहले इंग्लैंड में ‘सारा मर्डर केस’ में एक पुलिस ओफिसर की गिरफ़्तारी हुई और उस पुलिस ओफिसर ने मान लिया है कि उसने सारा का रेप किया और फिर हत्या कर दी और लाश को बड़ी प्लानिंग के साथ गायब कर दिया .

उसकी किड्नैपिंग की प्लानिंग और लाश ठिकाने लगाने का तरीक़ा देख पुलिस ने अनुमान लगाया है कि यह आदमी सीरियल किलर है. इस आदमी ने शायद बहुत सी लड़कियों को मारा होगा . इस बार इसके पकड़े जाने का कारण यह था कि गलती से इसने एक परिवार वाले घर की लड़की उठा ली . ज़्यादातर सीरियल किलर वेश्याओं को मारते हैं या फिर ऐसी लड़की को जिसका परिवार ना हो . ऐसे में लड़की मर /ग़ायब भी जाती है तो कोई पूछने वाला नहीं होता इसलिए ये लोग मर्डर करके पकड़े नहीं जाते हैं .

फ़ेमिनिस्ट हमेशा परिवार तोड़ने की बात करती हैं . दूसरी तरफ़ हम देखते हैं कि बिना परिवार की अकेली लड़कियाँ (लड़के भी ) कितनी असुरक्षित हो जाती हैं . इस केस में सबसे ज्यादा फ़ेमिनिस्टों ने शोर मचाया . इनका निशाना पुलिस डिपार्टमेंट और पुरुष थे . परिवार के महत्व पर ये लोग कभी बात भी नहीं करेंगी. अगर सारा अकेली होती तो इन फ़ेमिनिस्टों को कभी पता नहीं चलता कि कोई लड़की ग़ायब हुई है .

लव जेहाद की सबसे कडवी सच्चाई यह है कि इन लड़कियों के लिए न तो कोई रोने वाला होता है और ना ही लड़ने वाला. इस को रोकने का एकमात्र तरीका यही है कि आप अपनी बच्चियों को इसका सत्य बताएं। उन्हें समझाएं कि किससे प्रेम किया जाना चाहिए और किससे घृणा... हाँ! घृणा भी जीवन का एक आवश्यक भाव है, घृणा पाप से भी करनी चाहिए और पापी से भी...

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