सभी भारतीयों को खासकर दलित मित्रों को डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर का लिखा हुआ किताब जो एक ग्रंथ स्वरूप में है थॉट्स ऑन पाकिस्तान जरूर पढ़ना चाहिए

  सभी भारतीयों को खासकर दलित मित्रों को डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर का लिखा हुआ किताब जो एक ग्रंथ स्वरूप में है थॉट्स ऑन पाकिस्तान जरूर पढ़ना चाहिए


 थॉट्स ऑन पाकिस्तान ग्रंथ में बाबा साहब अंबेडकर ने क्रूर दरिंदे मुगल आततायीयो के आतंक हिंसा जिहाद की विनाश लीला का वर्णन किया है


 बाबा साहब अंबेडकर का यह ग्रंथ कुल 700 पन्ने का है और इस ग्रंथ में बाबा साहब अंबेडकर ने मोहम्मद बिन कासिम मोहम्मद गोरी कुतुबुद्दीन ऐबक चंगेज खान मोहम्मद बख्तियार खिलजी अलाउद्दीन खिलजी बाबर औरंगजेब अहमद शाह अब्दाली जैसे मुगल दरिंदो आततायीयो  द्वारा तोड़े गए मंदिरों और मंदिरों को तोड़कर बनाई गई मस्जिदों, हिंदुओं के कत्लेआम महिलाओं पर बलात्कार और हिंदुओं के जबरदस्ती धर्मांतरण पर विस्तार से लिखा है 


लेकिन एक साजिश के तहत तथाकथित दलित नेता और तमाम मुस्लिम नेता बाबा साहब अंबेडकर की इस किताब के हिंदी रूपांतरण को या इंग्लिश रूपांतरण को किसी भी दलित सम्मेलन में जहां बाबा साहब अंबेडकर की लिखी किताबे बिकती है वहां नहीं बेचते नहीं इसका प्रदर्शन करते हैं क्योंकि यह किताब उनके एजेंडे में फिट नहीं होती


 बाबासाहेब आंबेडकर ने थॉट्स एंड पाकिस्तान के पेज नंबर 57 - 58 पर लिखा कि जब सातवीं सदी में चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत आया तब अफगानिस्तान  भारत का ही एक हिस्सा था भारत पर सबसे पहला मुगल हमला मोहम्मद बिन कासिम का था 


डॉक्टर अंबेडकर ने थॉट्स ऑन पाकिस्तान के पेज नंबर 58-59 पर लिखा है कि जब इसवी सन 1001 में मोहम्मद गजनवी ने आक्रमण किया और उसके बाद मोहम्मद गोरी ने 17 बार भारत पर आक्रमण किया है तब इन मुगल आक्रमणकारियों का उद्देश्य सिर्फ लूट नहीं थी बल्कि इसके पीछे उनका मुख्य एजेंडा गजवा ए हिंद का था यानी समूचे हिंद प्रदेश पर इस्लाम का राज कायम करना था


 महमूद गजनवी ने जब भारत पर आक्रमण किया तब अपने खलीफा से यह आशीर्वाद लेकर किया था कि मैं हिंदुओं की मूर्ति पूजा देव पूजा को खत्म करके भारत में इस्लाम की स्थापना करूंगा 


डॉक्टर अंबेडकर ने पेज नंबर 58 पर लिखा है मोहम्मद गजनवी भारत पर असंख्य आक्रमणों को सतत जारी रहने वाला एक पवित्र युद्ध यानी जिहाद का था इतिहासकार अल अतबी मोहम्मद गजनवी के इस आक्रमण के बारे में लिखते हैं उसने भारत में तमाम मंदिरों को नष्ट किया हिंदुओं का कत्लेआम किया इस्लाम की स्थापना किया उसने अनेक शहर जीता उसके सैनिकों ने हिंदू लड़कियों महिलाओं की बलात्कार किया मूर्ति पूजा करने वाले का कत्ल किया उसके बाद जब वह अपने देश वापस गया तब उसने अगले दिन एक सभा बुलाकर उस सभा में इस्लाम के लिए किए गए अपने इस दरिंदगी भरे काम को एक जीत के रूप में वर्णन किया और शपथ लिया कि वह हर साल भारत पर इस तरह का एक पवित्र हमला करेगा 


हिंदुओं के दिल में डर और आतंक फैले इसके महमूद गजनवी ने एक ऐसी योजना बनाई थी इस बारे में डॉक्टर अंबेडकर ने अपनी किताब थॉट्स एंड पाकिस्तान के पेज नंबर 61 पर लिखे हैं 


मोहम्मद गजनवी तो पहले से ही ऐसी योजना बना लिया था कि जिससे हिंदुओं के हृदय में खौफ पैदा हो जाए 


ईसवी सन 1001 में राजा जयपाल के हार के बाद मोहम्मद गजनी ने आदेश किया कि राजा जयपाल को हथकड़ी बेड़ियां पहनाकर  उसके राज की गलियों में घुमाया जाए ताकि उसके सेनापति और उसके राज्य के लोग उसे शर्मजनक बन्दी दीनहीन और अपमानजनक स्थिति में देखें और काफिरों यानी हिंदुओं में इस्लामिक आततायीयो के प्रति एक खौफ पैदा हो जाए और वह तुरंत समर्पण करने लगे


 डॉक्टर अंबेडकर लिखते हैं काफिरों यानी जो लोग मूर्ति पूजा करते हैं उनका कत्ल करने में मोहम्मद गजनवी  को एक विकृत आनंद मिलता था वह इसे इस्लाम की सेवा करना मानता था 


इतिहासकार डॉ टिट्स  को कोट करते हुए डॉक्टर अंबेडकर ने थॉट्स आन पाकिस्तान के पेज नंबर 62 पर लिखा जब मैं प्रख्यात अरब इतिहासकार मिनदाज अल सिराज  के रिसर्च पेपर को पढ़ा तब पता चला कि अरबों के मन में मोहम्मद गजनी की ख्याति इसलिए बढ़ी क्योंकि उसने सोमनाथ मंदिर को तोड़ा और उस शिवलिंग का चार टुकड़ा किया पहला टुकड़ा उसने गजनी के जामा मस्जिद में रखा दूसरा टुकड़ा उसने बादशाह के महल के प्रवेश द्वार पर रखा तीसरा टुकड़ा उसने मक्का भेजा और चौथा टुकड़ा उसने मदीना भेजा


 इसी पेज पर डॉक्टर अंबेडकर आगे लिखते हैं इतिहासकार लेन पुले कहते हैं कि हर साल वह हिंदुस्तान के काफिरों के साथ एक पवित्र लड़ाई लड़ेगा किसकी उसने कसम खाई और उसने यह भी कसम खाया जब तक वह जिंदा रहेगा इस धरती से काफिरों यानी हिंदुओं का खात्मा करता रहेगा


 डॉक्टर अंबेडकर ने आगे लिखा कि मोहम्मद गजनी के द्वारा किया गया यह कार्य दूसरे मुगल आतंकियों के लिए एक पवित्र परंपरा बन गया और उसके अनुयायियों और अनुगामीयों ने भी इसका अनुसरण किया


महमूद गजनवी का सोमनाथ पर आक्रमण उसके द्वारा अपने जीवन के अंतिम वर्षों में किया गया अक्रमण था


 दरअसल महमूद गजनबी मुल्तान होकर अड़हवाद के समुद्र के किनारे किनारे अपनी सेनाओं को लेकर आगे बढ़ता गया उसकी विशाल इस्लामिक सेनाएं हिंदुओं का कत्लेआम करती थी महिलाओं का बलात्कार करती थी संपत्ति लूटती थी और समुद्र तट के सहारे आगे बढ़ते बढ़ते उसने प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर देखा 


डॉ आंबेडकर आगे लिखते हैं सोमनाथ मंदिर के प्रांगण में महमूद गजनवी और उसकी सेनाओं ने 50000 हिंदुओं का कत्ल किया।  अगर उसका इरादा सिर्फ मंदिर को लूटना होता तब वह मंदिर में कत्लेआम नहीं करता 


मोहम्मद गजनबी 500000 हिंदुओं को बंदी बनाकर अपने साथ ले गया था तमाम हिंदू महिलाओं को गजनी के चौक पर नीलाम किया गया था और गजनी का वह चौक आज ही है और वहां एक बड़ा सा मीनार बनाकर  पत्थर लगाकर लिखवाया था यहां हिंद की महिलाएं नीलाम होती हैं।

-Jitendra singh ji

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