वीर सम्राट क्षत्रपति शिवाजी महाराज की महानता

 ओ३म्


सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय ❗


#वीरसम्राटक्षत्रपतिशिवाजीमहाराजकीमहानता


*छत्रपति शिवाजी महाराज  के समय में कभी भी  किसी औरत का नाच गाना  नहीं  हुआ l महिलाओं का  हमेशा सम्मान किया जाता था चाहे वह दुश्मन की पत्नी भी क्यों ना हो  सभी को अपनी माता और बहन के समान समझा जाता था l महिलाओं  की  गरिमा  हमेशा  बनाए  रखनी चाहिए। बेशक  वह महिला किसी भी जाति या धर्म से हो क्यों ना हो   !!"


*28 फरवरी  1678 में, सुकुजी नामक सरदार ने बेलवाड़ी  किले की घेराबंदी की। इस किले की किलेदार एक स्त्री थी। 


*उसका नाम सावित्रीबाई देसाई था।  इस बहादुर महिला ने 27 दिनों तक किले के लिए लड़ाई लड़ी। लेकिन अंत में, सुकुजी ने किले को जीत लिया और सावित्रीबाई से बदला लेने के लिए उसका  अपमान किया l

जब राजे ने यह समाचार सुना, तो वह   क्रोधित हो गए । 

राजे  के आदेशानुसार सुकुजी की आंखें फोड  कर  उसे आजीवन कैद कर दिया गया l                                                                                 


*24   अक्टूबर  1657  को  छत्रपति  शिवाजी महाराज के आदेश  पर  सोने  देव  ने  जब कल्याण के  किले पर घेराबंदी की और उसको जीत लिया l उस समय मौलाना अहमद  की  पुत्रवधू  यानी  औरंगजेब   की   बहन  और शाहजहां की बेटी  रोशनआरा जो एक अभूतपूर्व  सुंदरी थी  l  जिसको किले में कैद कर   लिया गया  उसके बाद  सैनिकों ने  उस  रोशना  आरा  को जब छत्रपति शिवाजी महाराज  के  सामने   पेश  किया  तो  छत्रपति  शिवाजी महाराज ने  अपने  सैनिकों   को   यह  कहा था  की यह  तुम्हारी  पहली  और   आखरी   गलती   है l उसके  बाद  अगर  ऐसा  अपमानित करने  का कार्य किसी भी जाति और धर्म की औरत के  साथ  किया तो  इसकी सजा मौत होगी  l और एक पालकी सजा कर रोशनआरा  को उसके  कहने   पर  उसके महल में भेज दिया गया l  इसी प्रकार से शाइस्ता  खान  ने  सन 1663 ईस्वी  में  कोंकण  को  जीतने  के  लिए  अपने  सेनापति दिलेर खान के साथ एक ब्राह्मण उदित राज देशमुख  की पत्नी राय बाघिन( शेरनी) को भेजा तो छत्रपति शिवाजी महाराज ने  राय बाघिन और मुगल   दिलेरखान को  रात  में कोल्हापुर में ही घेर लिया और दिलेरखान अपनी जान बचा कर भाग गया l उस समय राय बाघिन को एक सजी हुई पालकी में बैठा कर वापसी उसके घर भेज दिया था l


#क्योंकिशिवरायजीकियहभूमिकाथीकिमहिलाओंकीगरिमाहमेशाबनाएरखनीचाहिए। #बेशकवहकिसीभीजातियाधर्मसेक्योंनाहो   !!"


 *अगर किसी दुश्मन की पत्नी भी चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से हो  लड़ाई में फंस जाती है,  तो  उसे परेशानी नहीं होना चाहिए l महाराज  के इस तरह के आदेश पत्थर की लकीर होते थे.....


 और उन पर अमल भी शत प्रतिशत होता था l


वीर क्रांतिकारी बलिदानी अमर हुतात्मा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज की जय ❗ 

samelan, marriage buero for all hindu cast, love marigge , intercast marriage , arranged marriage


rajistertion call-9977987777, 9977957777, 9977967777or rajisterd free aryavivha.com/aryavivha app  

Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।