प्रफुल्ल चन्द्र चाकी

 प्रफुल्ल चन्द्र चाकी

सन 1888 में आज 10 दिसम्बर के दिन जन्मे क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। प्रफुल्ल का जन्म उत्तरी बंगाल के बोगरा गाँव (अब बांग्लादेश में स्थित) में हुआ था। जब प्रफुल्ल दो वर्ष के थे तभी उनके पिता जी का निधन हो गया। उनकी माता ने अत्यंत कठिनाई से प्रफुल्ल का पालन पोषण किया। विद्यार्थी जीवन में ही प्रफुल्ल का परिचय स्वामी महेश्वरानंद द्वारा स्थापित गुप्त क्रांतिकारी संगठन से हुआ और उनके अन्दर देश को स्वतंत्र कराने की भावना बलवती हो गई। इतिहासकार भास्कर मजुमदार के अनुसार प्रफुल्ल चाकी राष्ट्रवादियों के दमन के लिए बंगाल सरकार के कार्लाइस सर्कुलर के विरोध में चलाए गए छात्र आंदोलन की उपज थे.

इन्होने खुदीराम बोस के साथ 30 अप्रैल 1908 को किंग्सफोर्ड पर पर बम्ब फेंका. परन्तु उस दिन बग्घी में उसकी बेटी थी. वह मारी गई.

कुछ साल पहले सुचना मिली थी कि पश्चिमी बंगाल की पाठ्य पुस्तकों में खुदीराम बोस व प्रफुल्ल चाकी को आतंकवादी बताया गया था.

वैसे ये कोई नई बात नहीं है

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