श्वर संबंधित मुख्य   जानकारियां:-------


श्वर संबंधित मुख्य   जानकारियां:-------


( क ) ईश्वर के गुण -


१.सच्चिदानंदस्वरुप, २. निराकार ३.सर्वशक्तिमान, ४. न्यायकारी ,५. दयालु ६.अजन्मा  ७.अनन्त |


ईश्वर का मुख्य नाम ओ३म् है,


ईश्वर के अन्य गुणवाचक नाम भी हैं, ईश्वर ;--------- सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र, सृष्टि-कर्ता, सृष्टिहर्ता और मोक्ष दाता है। ब्रह्मा, विष्णु, शिव, गणेश, महादेव, विराट, अग्नि, विश्व, हिरण्यगर्भ, वायु, तैजस, ईश्वर, आदित्य, प्राज्ञ, परम पुरुष, मनु, प्रजापति, इन्द्र, प्राण, ब्रह्म, रूद्र, कालाग्नि, दिव्य, सुपर्ण, गुरुत्मान्, मातरिश्वा, भूमि, आदि सब उसी एक ही ईश्वर के नाम हैं )


( ख ) -ईश्वर के कार्य -


१. ईश्वर सृष्टि की रचना करते हैं।


२. ईश्वर सृष्टि का पालन करते हैं|


३. ईश्वर सृष्टि का संहार करते हैं


४. ईश्वर वेदों का ज्ञान देते हैं।


५. ईश्वर अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं |


६. ईश्वर योगियों को मोक्ष प्रदान करते हैं |


( ग )  ईश्वर के उपदेश -


१. वेद पढो, वेद पढ़ाओ ।


२. सन्ध्या करो, हवन करो ।


३. सदा सच बोलो, मीठा बोलो ।


४. झूठ बोलना पाप है ।


५ . मांस अंडा खाना पाप है ।


६. पशुबलि पाषाण पूजा पाप है ।


( घ ) ईश्वर से हमारा सम्बन्ध-


१. ईश्वर हमारी माता है हम उसके पुत्र हैं।


२. ईश्वर हमारा पिता है हम उसके पुत्र हैं।


३. ईश्वर हमारा गुरू है हम उसके शिष्य हैं।


४. ईश्वर हमारा राजा है हम उसकी प्रजा हैं।


५. ईश्वर उपास्य है हम उसके उपासक हैं।


६. ईश्वर व्यापक है हम व्याप्य हैं।


( ङ )  ईश्वर से प्रार्थना -


१. हे ईश्वर ! हमें सद्बुद्धि दो।


२. हे ईश्वर हमारे सब दु:ख दुर्गुण दूर कर दो।


३. हे ईश्वर ! हमें सब बन्धनों से मुक्त कर दो।


४. हे ईश्वर ! सब सुखी हों, सबका मंगल हो।


५. हे ईश्वर ! सब ओर शान्ति ही शान्ति हो।


६. ओ३म् असतो मा सदगमय
       तमसो मा ज्योतिर्गमय
       मृत्योर्मा अमृतंगमय 


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( च )  -साधारण ज्ञान-


१.अनादि वस्तुएं - ईश्वर, जीव और प्रकृति।  ( God ,Soul,Matter )


२. सृष्टि काल- चार अरब बतीस   करोड़ वर्ष।


३. प्रलय काल- चार अरब बत्तीस करोड़ वर्ष।


४. मोक्ष काल- ३१ नील, १० खरब,                        ४० अरब वर्ष।


५. हमारे देश का मूल नाम --  आर्यावर्त्त


६. अनादि का अर्थ-  नित्य, शाश्वत ( eternal )


७.वेद संस्कृत में ही क्यों-  क्योंकि संस्कृत को सीखने के लिये सबको एक जैसी मेहनत करनी पडती है और यह सबसे समृद्ध व वैज्ञानिक दैवी भाषा है।


Intercast Marriage ,The Vivah Sanskar will be solemnised,16sanskaro ke liye smpark kre 9977987777


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