तनावयुक्त नहीं, तनावमुक्त होकर, निर्भीक आनन्दित जीवन जीएँ।

7.9.2020.
        तनावयुक्त नहीं, तनावमुक्त होकर, निर्भीक आनन्दित जीवन जीएँ।
       संसार में बहुत से लोग सत्यवादी परोपकारी चरित्रवान देशभक्त ईश्वरभक्त पितृभक्त गुरुभक्त एवं ईमानदार हैं। और बहुत से लोग झूठे छली कपटी स्वार्थी अवसरवादी तथा दूसरों का शोषण करने वाले हैं। वे सदा अवसर की प्रतीक्षा में रहते हैं, कि कब कैसे दूसरों को दबाया जाए। दूसरों को गड्ढे में गिराया जाए। ऐसे लोग दूसरों की उन्नति को देखकर सहन नहीं कर पाते। उनकी उन्नति से सदा जलते रहते हैं। ऐसे लोग कभी भी शांतिपूर्वक नहीं जी सकते। वे सदा तनावयुक्त जीवन जीते हैं। सदा चिंतित आशंकित एवं भयभीत रहते हैं। सत्य को छुपाने दबाने का पूरा प्रयत्न करते हैं। वे छोटे से छोटे व्यक्ति से भी डरते रहते हैं, कि कभी ऐसा न हो, कि यह मेरी पोल खोल दे। ऐसे लोग अपने जीवन में कभी भी वास्तविक उन्नति नहीं कर पाते।
     परंतु ईश्वर तो न्यायकारी है। ऐसे लोगों को कभी भी शांति से जीने नहीं देता। लगातार उनके अंदर भय चिंता तनाव आदि अनुभूतियां उत्पन्न करता ही रहता है। ऐसा भयभीत आशंकित और तनावपूर्ण जीवन जीना कोई बुद्धिमत्ता नहीं है। बल्कि ईश्वर की आज्ञा का पालन करते हुए सच्चाई ईमानदारी निःस्वार्थता परोपकार आदि गुणों से युक्त होकर सदा आनंदपूर्ण जीवन जीना ही बुद्धिमत्ता है।
      जो लोग इन उत्तम गुणों को धारण करते हैं, ईश्वर उन पर सदा कृपा करता है, और बहुत आशीर्वाद देता है। ऐसे लोगों का ही जीवन तनावमुक्त, निर्भीक, सफल और आनन्दित होता है। यही उन्नति की वास्तविक परिभाषा है। आप भी परोपकार आदि उत्तम गुणों को धारण कर के, ऐसा ही आनन्दित जीवन जीएँ। मेरी आप सबके लिए यही शुभकामना है।
- स्वामी विवेकानंद परिव्राजक


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