आज का संकल्प ,आज का पञ्चाङ्ग

ओ३म् सादर नमस्ते जी 
 आपका दिन शुभ हो 


दिनांक  - - १४ सितम्बर २०२०( राष्ट्र भाषा हिन्दी दिवस)
दिन  - - सोमवार 
तिथि  - - द्वादशी 
नक्षत्र  - - पुष्य 
पक्ष - - कृष्ण 
माह  - - आश्विन 
ऋतु  - - शरद 
सूर्य  - - दक्षिणायण 
सृष्टि संवत  - - - १,९६,०८,५३,१२१
कल्युगाब्द  - - ५१२१
विक्रम संवत्  - - २०७७
शक संवत  - - १९४२
दयानंदाब्द  - - १९६


 


आज १४ सितम्बर हिन्दी दिवस है
 


   हिन्दी दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।


   आइये! हिन्दी को मन वचन कर्म से अपनाने और प्रचार करने का संकल्प लें।
हमारा संकल्प हिन्दी को राज भाषा से राष्ट्र भाषा बनाने का हो। हर देश के प्रत्येक नागरिक की भाषा बनाने का हो।


   स्वामी दयानन्द ने हिन्दी के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य किया है। स्वामी दयानन्द ने हमारे मुख्य धार्मिक ग्रंथ वेदों को संस्कृत से हिन्दी में अनुवाद करने का इतिहास मे पहला बडा प्रयास किया था।


   इससे वेद जन सामान्य के लिए सर्व सुलभ ही नहीं हुए अपितु वेदों के नाम पर धर्म विरोधियों अज्ञानीयो द्वारा लगाए जा रहे आक्षेपो का उत्तर देने का सामर्थ्य भी भारतीयो में पैदा किया।


   स्वामी जी ने स्वयं कहा था-
‘‘दयानन्द के नेत्र वह दिन देखना चाहते हैं जब कश्मीर से कन्याकुमारी और अटक से कटक तक देवनागरी अक्षरों का प्रचार होगा।”


   वीर सावरकर हिंदी भाषा को स्वामी दयानंद के देन पर लिखते हैं- ''महर्षि दयानंद द्वारा लिखित सत्यार्थ प्रकाश में जिस हिंदी के दर्शन हमें मिलते हैं, वही हिंदी हमें स्वीकार है। यह सरल, अनावश्यक विदेशी शब्दों से अलिप्त होकर भी अत्यंत अर्थ वाहक तथा प्रवाही है। 
महर्षि दयानंद ही सर्वप्रथम नेता थे, जिन्होंने 'हिंदुस्तान के अखिल हिन्दुओं की राष्ट्र भाषा हिंदी है।'* ऐसा उद्घोष व प्रयास किया था।"
(सन्दर्भ-वीर वाणी पृष्ठ ६४)


  संस्कृत देव भाषा (विद्वानो की भाषा) और हिन्दी आर्य भाषा(सदाचारी सामान्य लोगो की भाषा) है।


 


 भर्तृहरिविरचित्तम्


      ते मर्त्यलोके भूवि भार भूता, मनुष्य रूपेण मृगाश्चरन्ति ( १२)


    जिसमें  विधा, तप,दान,ज्ञान,शील गुण और धर्म ये कुछ भी नहीं है वे पृथ्वी के भार ह। साक्षात पशु है जो मनुष्य के रूप में विचरते है ।


     वरं पर्वतदुर्गेषु भ्रान्तं वनचैर: सह। न मुर्खजनसम्पर्क: सुरेन्द्र भवनेष्चपि।।( १३)


     जंगल और पहाड़ो में जंगली पशुओं के साथ रहना अच्छा है प्रन्तु  मूर्खो के साथ स्वर्ग में भी रहना बुरा है ।


 


 आज का संकल्प पाठ 
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(सृष्टि संवत् - संवत्सर-अयन - ऋतु- मास-तिथि- नक्षत्र)



           ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे सप्तमे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{ एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षानि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२१) सृष्टिसंवत्सरे } { पच्चसहस्स्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( ५१२१ ) कलियुगे } { सप्तसप्तत्युत्तर द्विसहस्रतमे ( २०७७) विक्रमसंवत्सरे } {षण्णवत्यधिकशततमे (१९६) दयानंद संवत्सरे }  रवि दक्षिणायाने, शरद ऋतौ, आश्विन मासे, कृष्ण पक्षे, द्वादशी तिथि, पुष्य नक्षत्रे, सोमवासरे, तदनुसार १४ सितम्बर २०२०
जम्बूद्वीपे,  भरतखण्डे आर्यावर्त्तान्तरगते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान. (पितामह)....(पिता)...पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य  प्रातः कालीन वेलायाम्  सुख शांति समृद्धि हितार्थ ,आत्मकल्याणार्थ ,रोग -शोक निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।


 smelan, marriage buero for all hindu cast, love marigge , intercast marriage , arranged mar


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