निरुक्त ग्रन्थ का वैज्ञानिक भाष्य संसार में पहली बार हो रहा है
निरुक्त ग्रन्थ का वैज्ञानिक भाष्य संसार में पहली बार हो रहा है। विश्व के एकमात्र वैदिक वैज्ञानिक व वेदों के सबसे प्रकाण्ड आर्य वैदिक विद्वान गुरुदेव, आदरणीय पूज्य श्री आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी निरुक्त ग्रन्थ का वैज्ञानिक भाष्य कर रहें हैं, आचार्य जी कुछ मास पूर्व ही निरुक्त का वैज्ञानिक भाष्य प्रारंभ कर चुके है, जो विश्व में प्रथम बार हो रहा है, आचार्य जी, आगामी 3-4 वर्षों के अंदर अपना यह वैज्ञानिक भाष्य पूर्ण कर लेंगे, आचार्य जी के इस वैज्ञानिक भाष्य से विज्ञान के और भी ऐसे अनेकों गूढ़ रहस्यों का पता चलेगा जिस विज्ञान को आज का आधुनिक विज्ञान भी नही जानता और अगले कई सौ वर्षो के पश्चात भी आज का आधुनिक विज्ञान, उस वैदिक विज्ञान को कदापि नही जान सकता।
इससे पूर्व, पूज्य श्री आचार्य जी ने ऋग्वेद के ऐतरेय ब्राह्मण ग्रन्थ का वैज्ञानिक भाष्य कर वेदविज्ञान आलोक नामक ग्रन्थ की रचना की और विश्व को एक नया विज्ञान दिया, जो वर्तमान विज्ञान से कई सौ वर्ष आगे का विज्ञान है। जहाँ तक आज का आधुनिक विज्ञान नही पहुँच पाया है, और न ही आगामी कई सौ वर्षों तक आधुनिक विज्ञान, उस विज्ञान को जान पायेगा।
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