नमस्ते जी आपका दिन शुभ हो

नमस्ते जी   


आपका दिन  शुभ  हो 


भाद्रपद-शु-१४-२०७७
   
🚩 01  सितम्बर 2020  🚩


~~~~~
दिन -----           मंगलवार
तिथि -- चतुर्दशी-9:38amतक
नक्षत्र -------       धनिष्ठा
पक्ष ------          शुक्ल
माह-- ---          भाद्रपद
ऋतु --------       वर्षा
सूर्य दक्षिणायणे,उत्तर गोले  
विक्रम सम्वत --2077 
दयानंदाब्द -- 196
शक सम्बत -1942
मन्वन्तर ---- वैवस्वत 
कल्प सम्वत--1972949122
मानव,वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत-१९६०८५३१२२


🔅रा. काल : 3:14 से 4:35 am
🌞सूर्योदय -((दिल्ली)5:58🔅बदायूँ 5:51
🌞सूर्यास्त--( दिल्ली)6:44🔅बदायूं 6:37


🍎 पहला सुख निरोगी काया:


अकेला गर्म पानी ही कोरोना को काफी है..!


🌹रूप वाणी :


जीत-हार , सफलता- असफलता, हानि- लाभ तो फल हैं,हमारा फल पर कोई वश नहीं.. हमारा वश तो कर्म पर है!


 🌺आचार्य संजीव रूप 
वेदकथाकार-,पुरोहित,कवि ,यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072-
 🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹 


🏵 हिन्दी संकल्प पाठ 🏵


हे परमात्मन् आपको नमन!!आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग जिसका प्रथम चरण वर्तमान है,कि जिसका काल अब 5122 वर्ष चल रहा है ,सृष्टि कल्प सम्वत्सर एक अरब सतानवे करोड़ उन्तीस लाख उनन्चास हजार एक सौ बाईसवां वर्ष है,तथा वेदोत्पत्ति  मानव उत्पत्ति सृष्टिसम्वत एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ बाईसवां ,विक्रम सम्वत् दो हजार सतत्तर है,दयानंदाब्द 196वां है, सूर्य दक्षिण अयन में उत्तर गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु वर्षा , मास भाद्रपद का शुक्ल पक्ष ,तिथि - चतुर्दशी , नक्षत्र  धनिष्ठा आज  मंगलवार है ,अंग्रेजी तारीख 01 को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के  ....जनपद...के ..ग्राम/शहर...में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में) मैं ...अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ....(नाम लें ).के सुपुत्र श्री  .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं ...आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए  प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ,जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य..... श्री का वरण करता हूँ,



 🕉 आज का संकल्प पाठ 🕉
                   


ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{ एकोवृन्दः सप्तनवतिकोटयः एकोनत्रिंशत् लक्षाणि एकोनपञ्चाशत् सहस्राणि द्विविंशत्यधिकशततमे सृष्टयब्दे ,२०७७ {सप्तसप्ततति: उत्तर द्वी सहस्रे वैक्रमाब्दे }, शाके १९४२  दयानंदाब्द(षट् नवती उत्तर शततमे) १९६ , रवि दक्षिणायणे, उत्तर गोले, वर्षा ऋतौ, भाद्रपद मासे शुक्ल पक्षे चतुर्दशी  तिथि, घनिठा नक्षत्रे ,  मंगलवासरे ,तदनुसार 01सितम्बर 2020 
जम्बूद्वीपे,
भरतखण्डेआर्यावर्तान्तर्  गते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान.(पितामह)....(पिता..).पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य  प्रातः कालीन वेलायाम्  सुख शांति समृद्धि हितार्थ ,आत्मकल्याणार्थ ,रोग -शोक निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।


🚩 आचार्य संजीव रूप-               
संस्थापक/संचालक -आर्य संस्कारशाला/आर्य समाज गुधनी,बदायूँ,उप्र-


Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।