दूसरे व्यक्ति के रुचिकर विषय में उससे बातचीत करें अन्यथा मूर्ख कहलाएंगे

11.9.2020.
        दूसरे व्यक्ति के रुचिकर विषय में उससे बातचीत करें अन्यथा मूर्ख कहलाएंगे।
      संसार में लोग एक दूसरे से बात करते हैं। अपनी उम्र वालों से भी बात करते हैं, छोटो से भी, और बड़ों से भी। 
     परंपरा तो यही है कि यदि अपनी उम्र वालों से बात की जाए, तो अधिक अच्छा लगता है। क्योंकि समान उम्र वाले एक दूसरे की समस्याओं को, परिस्थितियों को अच्छी प्रकार से समझ पाते हैं, और ठीक प्रकार से सुझाव दे सकते हैं। कभी टाइम पास करने के लिए गपशप मारनी हो, या चर्चा करनी हो, तो भी समान उम्र वाले से बात करना अच्छा लगता है। समान उम्र वालों में एक स्वाभाविक आकर्षण भी होता है। उनके विचार भी काफी कुछ मिलते हैं। क्योंकि दोनों का अनुभव बहुत कुछ एक सा होता है।
        परंतु हमेशा ऐसा नहीं होता। कभी  अपने से छोटी उम्र के लोगों से भी बात करनी पड़ती है, और कभी बड़ी उम्र वालों से भी।
       आपस में बातचीत करने वाले लोगों में से कुछ लोग बुद्धिमान होते हैं। उम्र बराबर की है, कम है, या अधिक है; इस बात को ध्यान में रखते हुए, थोड़ी सी बात करके, वे लोग, दूसरे की रुचि को जान लेते हैं, कि इस व्यक्ति की रुचि किस विषय में है। गणित राजनीति विज्ञान संगीत दर्शन धर्म अध्यात्म इत्यादि। उसकी रुचि को जानकर उसी विषय में वे बुद्धिमान लोग बात करते हैं। इससे दोनों का टाइम भी अच्छी तरह से पास हो जाता है, और एक दूसरे से ऊबते भी नहीं। एक दूसरे की रुचि के अनुसार चर्चा करके आनंदित भी होते हैं। 
      परंतु जब कोई व्यक्ति, सामने वाले व्यक्ति की रुचि जाने बिना, अपनी रुचि वाले विषय में ही बात करता है, और यह भी नहीं देखता कि दूसरा व्यक्ति मेरी बातों में रुचि ले रहा है या नहीं; मेरी बातों से प्रसन्न है या नहीं। इतना ध्यान न देने के कारण वह अपनी रुचि के ही विषय में देर तक बोलता रहता है। सामने वाला व्यक्ति उसकी बातों से बोर होता रहता है। ऊब जाता है। और मन ही मन कहता है कि यह व्यक्ति कितना मूर्ख है, इसको इतनी भी समझ नहीं है, कि सामने वाले व्यक्ति की रुचि वाले विषय में बातचीत करे। फिर  वह   जैसे तैसे उस से पीछा  छुड़ा कर भाग जाता है। और दूर जाकर चार व्यक्तियों में अपनी भड़ास निकालता है; उस पर मूर्खता आदि का आरोप भी लगाता है।
          तो ऐसी स्थिति से सदा  सावधान रहें। बुद्धिमत्ता से व्यवहार करें। दूसरे की रुचि को जानें, उसी विषय में बात करें, तब तो आप बुद्धिमान कहलाएंगे। अन्यथा मूर्ख माने जाएंगे।
- स्वामी विवेकानंद परिव्राजक


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