आज का वेदमंत्र,

आज का वेदमंत्र, अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेन्द्र भाटिया द्वारा ,ऑडियो रिकॉर्डिंग सुकांत आर्य द्वारा🙏🏵️


प्र सीमादित्यो असृजद्विधर्ताँ ऋतं सिन्धवो वरुणस्य यन्ति।
न श्राम्यन्ति न वि मुचन्त्येते वयो न पप्तू रघुया परिज्मन्॥ ऋग्वेद २-२८-४॥🙏🏵️


हे मनुष्य ! सूर्य ने समस्त सौरमंडल को धारण किया हुआ है। सूर्य ही वृष्टिजल को उत्पन्न करता है। यह वृष्टिजल के बादल एक पक्षी के समान बिना थके हुए स्वच्छंद भाव से विचरते हैं।🙏🏵️


O Man ! The sun has been sustaining the entire solar system. It is the sun that creates the rainwater.  The clouds of rainwater flow freely with out tiredness like a flying bird.
smelan, marriage buero for all hindu cast, love marigge , intercast marriage , arranged mar


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