आज का वेदमंत्र


आज का वेदमंत्र, अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेन्द्र भाटिया द्वारा, ऑडियो रिकॉर्डिंग सुकांत आर्य द्वारा🙏🌸


 


अस्य मे द्यावापृथिवी ऋतायतो भूतमवित्री वचसः सिषासतः।


ययोरायुः प्रतरं ते इदं पुर उपस्तुते वसूयुर्वां महो दधे॥ ऋग्वेद २-३२-१॥🙏🌸


 


मैं द्यावापृथ्वी को श्रेष्ठ मानता हूं। मैं उनसे प्रार्थना करता हूं कि मेरी धर्म युक्त वाणी को संरक्षण प्रदान करें। मेरे शरीर,मन और आत्मा को उत्तम भोजन दें। मुझे सत्य धन प्रदान करें।🙏🌸


 


I praise the earth and heaven. l adore and pray them both to protect my truthful voice. Give noble food to my body, mind and soul.  Grant me true wealth. 


 


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