आज का वेद मंत्र 

 आज का वेद मंत्र 


 


ओ३म् स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा: स्वस्ति न पूषा विश्ववेदा: । स्वस्ति नस्तार्क्ष्योऽअरिष्नेमि: स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ( यजुर्वेद २५|१९)


 


अर्थ :-  बहुत सुनने वाला वा बहुत कीर्ति वाला परमैश्वर्यवान् प्रभु हमें कल्याण प्रदान करें । पुष्टिकर्त्ता- सर्वज्ञाता ईश्वर हमारे लिए कल्याण की वर्षा करें ।तेजस्वी दुःखहर्त्ता परमेश्वर हमें आनन्द देवें ।बड़े बड़े महान् पदार्थों का पति परमेश्वर हमारे लिए कल्याणकारी हो।


 


 


smelan, marriage buero for all hindu cast, love marigge , intercast marriage , arranged mar


 


arayasamaj sanchar nagar 9977987777


Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।