आज का संकल्प पाठ 

 ओ३म् सादर नमस्ते जी 


आपका दिन शुभ हो 


 


दिनांक  - - १६  सितम्बर २०२०


दिन  - - बुधवार 


तिथि - - चतुर्दशी 


नक्षत्र - - मघा 


पक्ष - - कृष्ण 


माह  - - आश्विन 


ऋतु  - - शरद 


सूर्य  - - दक्षिणायण 


सृष्टि संवत्  - - १,९६,०८,५३,१२१


कलयुगाब्द  - - ५१२१


विक्रम संवत्  - - २०७७


शक संवत्  - - १९४२


दयानंदाब्द - - १९६


 


 


 


🔥 ओ३म् 🔥


 


   मनुष्य कई प्रकार के नशों का पान करता है, भंग, शराब, गांजा, अफीम आदि का सेवन करता है उससे मनुष्य को एक प्रकार का नशा प्राप्त होता है जो उसके नाश करने वाला होता है।प्रभु भक्ति भी एक नशा है जिसके सेवन करने से नाश या ह्रास नही अपितु उसका विकास होने लगता है। मानव उन्नति की ओर अग्रसर होने लगता है। भक्ति रूपी सोम रस के पान से क्या मिलता है इसका वर्णन इस प्रकार किया है।


 


     वह भगवान अमर है, न मरने वाला है।जो उसकी भक्ति करता है वह भी अमर हो जाता है, मृत्यु के भय से रहित हो जाता है, उसे किसी प्रकार का कोई भय भयभीत नही कर सकता ।


 


       भक्ति रस का पान करके मनुष्य आनन्दमय हो जाता है । वह परमानंद का अनुभव करने लगता है जिसमें दुःख नही, शोक नही, राग नही, द्वेष नही, मस्ती ही मस्ती है न हटने वाली मस्ती है ।


 


    भक्ति रस का पान करने से मानव के समीप देवों का सतपुरूषो का आगमन होने लगता है।गुणी ज्ञानी लोगों का उसके पास एक ऐसा मेला सा लगा रहता है। जिससे स्वतः उसे सत्संगति प्राप्त होने लगती है।


 


     भक्त के सभी प्रकार के आन्तरिक तथा  बाहय शत्रु परास्त हो जाते है। काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि आन्तरिक कुप्रवृत्तियाँ और दुष्ट पुरुषों की कुरीतिया उसका कुछ नही बिगाड़ सकती । धुर्त मनुष्यों की धुर्तता भी उसका कुछ नही बिगाड़ सकती । भक्त के मार्ग निष्कण्टक होने लगते है।


 


 


 


 आज का वेद मंत्र 


 


ओ३म् स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा: स्वस्ति न पूषा विश्ववेदा: । स्वस्ति नस्तार्क्ष्योऽअरिष्नेमि: स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ( यजुर्वेद २५|१९)


 


अर्थ :-  बहुत सुनने वाला वा बहुत कीर्ति वाला परमैश्वर्यवान् प्रभु हमें कल्याण प्रदान करें । पुष्टिकर्त्ता- सर्वज्ञाता ईश्वर हमारे लिए कल्याण की वर्षा करें ।तेजस्वी दुःखहर्त्ता परमेश्वर हमें आनन्द देवें ।बड़े बड़े महान् पदार्थों का पति परमेश्वर हमारे लिए कल्याणकारी हो।


 


 



 


(सृष्टि संवत् - संवत्सर-अयन - ऋतु- मास-तिथि- नक्षत्र)


 


 


           ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे सप्तमे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{ एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षानि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२१) सृष्टिसंवत्सरे } { पच्चसहस्स्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( ५१२१ ) कलियुगे } { सप्तसप्तत्युत्तर द्विसहस्रतमे ( २०७७) विक्रमसंवत्सरे } {षण्णवत्यधिकशततमे (१९६) दयानंद संवत्सरे }  रवि दक्षिणायाने, शरद ऋतौ, आश्विन मासे, कृष्ण पक्षे, चतुर्दशी  तिथि, मघा नक्षत्रे, बुधवासरे, तदनुसार १६ सितम्बर २०२० 


जम्बूद्वीपे,  भरतखण्डे आर्यावर्त्तान्तरगते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान. (पितामह)....(पिता)...पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य  प्रातः कालीन वेलायाम्  सुख शांति समृद्धि हितार्थ ,आत्मकल्याणार्थ ,रोग -शोक निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।


smelan, marriage buero for all hindu cast, love marigge , intercast marriage , arranged mar


 


arayasamaj sanchar nagar 9977987777


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