श्री राम मन्दिर निर्माण एवं भूमि पूजन की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

ओ३म् सादर नमस्ते जी 
आपका दिन शुभ 


दिनांक  - - ०५ अगस्त  २०२०
दिन  - - बुधवार 
तिथि  - - द्वितीया 
नक्षत्र  - - धनिष्ठा 
पक्ष  - - कृष्ण 
माह  - - भाद्रपद 
ऋतु  - - वर्षा 
सूर्य  - - दक्षिणायण 
सृष्टि संवत्  - - १,९६,०८,५३,१२१
कलयुगाब्द  - - ५१२१
विक्रम संवत्  - - २०७७
शक संवत्  - - १९४२
दयानंदाब्द  - - १९६


 


ओ३म्


व्य श्री राम मन्दिर निर्माण एवं भूमि पूजन की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।


 
  उद्घोष का संकल्प ५०० वर्षो के संघर्ष और लाखो लोगो के बलिदान के बाद श्रीराम जन्म भूमि पर भगवान श्रीराम चंद्र जी का भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखे जाने का स्वर्णिम पल हमे अपने आँखों से देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा


  आइये हम सब मिलकर इस दिव्य अवसर को ऐतिहासिक एवं गौरवशाली बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुये पुण्य के भागी बने।


 आज ५०० साल बाद ५ अगस्त २०२० को गौरवशाली दिन आया, आज अयोध्या नगरी में श्रीं राम जन्म भूमि मंदिर का शिलान्यास होने जा रहा है I


   इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा की राम मंदिर का शिलान्यास आदरणीय प्रधानमंत्री श्रीं नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों द्वारा हुआ II


  आप सभी से विनम्र आग्रह कि सभी अपने घर पर ५ दीपक अवश्य जलाए II


 जयश्रीराम


  :-  कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेन्स तथा शासन द्वारा जारी दिशा- निर्देश का पालन करना आवश्यक रूप से विशेष आग्रह है ।


 


आज का वेद मंत्र 


 ओ३म् सुषारथिरश्वानिव यन्मनुष्यान्नेनीयतेऽभीशुभिर्वाजिन इव ।हत्प्रतिष्ठं यदजिरं जविष्ठं तन्मे मन: शिवसंकल्पमस्तु (यजुर्वेद ३४|६|)


अर्थ  :- हे सर्वान्तर्यामिन्! जो मन रस्सी से घोड़ो के समान अथवा घोड़ो के नियन्ता सारथी के तुल्य लोगों को अत्यन्त इधर-उधर ले जाता है, वह मेरा मन सब इन्द्रियों को अधर्माचरण से रोक कर धर्म- पथ में सदा चलाया करें।


 


 आज का संकल्प पाठ 
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(सृष्टि संवत् - संवत्सर-अयन - ऋतु- मास-तिथि- नक्षत्र)
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           ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे सप्तमे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{ एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षानि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२१) सृष्टिसंवत्सरे } { पच्चसहस्स्राणि एकविंशत्युत्तरशततमे ( ५१२१ ) कलियुगे } { सप्तसप्तत्युत्तर द्विसहस्रतमे ( २०७७) विक्रमसंवत्सरे } {षण्णवत्यधिकशततमे (१९६) दयानंद संवत्सरे }  रवि दक्षिणायाने, वर्षा ऋतौ, भाद्रपद मासे,कृष्ण पक्षे,द्वितीया तिथि, धनिष्ठा नक्षत्रे, बुधवासरे, तदनुसार ०५ अगस्त २०२०
जम्बूद्वीपे,  भरतखण्डे आर्यावर्त्तान्तरगते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान. (पितामह)....(पिता)...पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य  प्रातः कालीन वेलायाम्  सुख शांति समृद्धि हितार्थ ,आत्मकल्याणार्थ ,रोग -शोक निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।


 


ओ३म् सुदिनम्ओ३म् सुप्रभातम्ओ३म् सर्वेभ्यो नम:


 कृण्वन्तोविश्वमार्यम्    जय आर्यावर्त  जय भारत


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