जो सर्वशक्तिमान ईश्वर को मानेगा वो कभी अहंकारी नहीं होगा

जो सर्वशक्तिमान ईश्वर को मानेगा वो कभी अहंकारी नहीं होगा क्यूंकि उसे पता है कि ईश्वर की शक्तियों के समक्ष उसकी शक्तियां अत्यंत तुच्छ हैं।


जो सर्वव्यापी ईश्वर को मानेगा वो कभी पाप नहीं करेगा क्यूंकि उसे पता है कि ईश्वर उसे सदा देख रहा है और उसे किये हुए पापों का दंड अवश्य देगा।


जो निराकार ईश्वर को अपनी आत्मा में मानेगा वह कभी अवसादग्रस्त नहीं होगा क्यूंकि वह अपने आपको कभी अकेला और असहाय नहीं पायेगा।


जो ईश्वर की न्यायकारी और कर्मफल सत्ता में विश्वास करेगा वह कभी पाप नहीं करेगा क्यूंकि उसे मालूम होगा कि जो जैसा करेगा वो वैसा भरेगा।


जो ईश्वर के सच्चिदानंद स्वरूप से परिचित होगा वह कभी भोगों में सुख नहीं खोजेगा क्यूंकि उसे मालूम होगा कि सुख भोग में नहीं अपितु योग में है।


आईये वेद विदित ईश्वर को जाने और माने।


डॉ विवेक आर्य 













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