पहले पूर्ण पुरुषार्थ करें, फिर ईश्वर से सहायता मांगें, आपको अवश्य सहायता मिलेगी

 



 


 


 


    पहले पूर्ण पुरुषार्थ करें, फिर ईश्वर से सहायता मांगें, आपको अवश्य सहायता मिलेगी।
        प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्यों की सिद्धि के लिए पुरुषार्थ करता है। थोड़ा बहुत पुरुषार्थ तो सभी करते हैं। परंतु कुछ लोग विशेष पुरुषार्थ करते हैं। जो लोग विशेष पुरुषार्थ करते हैं उनके कार्य ईश्वर की सहायता कृपा और आशीर्वाद से अच्छी तरह से संपन्न हो जाते हैं। 
        परंतु कुछ लोग पुरुषार्थ कम करते हैं, उनके कार्यों की संपन्नता में कमी रहती है। फिर जब कार्य पूरा नहीं होता, तो वे दुखी उदास निराश होने लगते हैं। अनेक लोग अज्ञानता के कारण ईश्वर को कोसने भी लगते हैं। बुरा भला भी कहते हैं। जो लोग अधिक मूर्ख और दुष्ट होते हैं, वे ईश्वर को गालियां भी देते हैं। ऐसा करना अनुचित है। ऐसे लोग नहीं समझते कि "हम जो गलती कर रहे हैं, इसका हमें दंड भोगना पड़ेगा." अपनी अविद्या, अज्ञानता के कारण वे लोग सारा दोष ईश्वर पर ही डाल देते हैं। जबकि उनके कार्य अपूर्ण होने में ईश्वर का कुछ भी दोष नहीं होता।
 तो ऐसी गलतियों से बचना चाहिए। ईश्वर को कभी भी दोष नहीं देना चाहिए। क्योंकि ईश्वर कभी भी, किसी पर भी, थोड़ा भी अन्याय नहीं करता।
     ईश्वर की सृष्टि संचालन व्यवस्था को समझने का प्रयत्न करें। यदि आप ऐसा प्रयत्न करेंगे, तो आप ईश्वर को दोष देने की गलती कभी नहीं करेंगे।
         ईश्वर की सृष्टि संचालन व्यवस्था  इस प्रकार से है। आपके कार्यों में जो अपूर्णता रहती है, उसके दोषी या तो आप स्वयं हैं। या दूसरे मनुष्य आदि प्राणी हैं, जो आपके कार्य में बाधा डालते हैं। या कोई प्राकृतिक दुर्घटनाएँ  भी कारण हो सकती हैं, जिससे आप के कार्य ठीक प्रकार से संपन्न नहीं हो पाते। 
         तो अपने कार्यों की संपन्नता के लिए ईश्वर की उक्त सृष्टि संचालन व्यवस्था को समझते हुए, जहां जहां आपके पुरुषार्थ में कमियां दिखाई दें, उन्हें दूर करें। जो दूसरे मनुष्य आदि प्राणी आपके कार्यों में बाधक प्रतीत हों, उनसे अपना बचाव करें। प्राकृतिक दुर्घटनाओं से भी बचें। फिर भी यदि कार्य पूरा संपन्न हो पाए, तो ईश्वर से प्रार्थना भी करें। अब आप को ईश्वर की ओर से सहायता मिलेगी। ईश्वर आपका उत्साह बढ़ाएगा । चुपचाप आपकी बुद्धि बढ़ा देगा, आपको पता भी नहीं चलेगा। और तब दूसरे बुद्धिमान मनुष्यों , अनुभवी विद्वान लोगों से भी सहायता लेवें, और आपका कार्य ठीक प्रकार से संपन्न हो जाएगा।
- स्वामी विवेकानंद परिव्राजक  









samelan, marriage buero for all hindu cast, love marigge , intercast marriage , arranged marriage


rajistertion call-9977987777, 9977957777, 9977967777or rajisterd free aryavivha.com/aryavivha app   









Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।