चतुर और विवेकी

 



 


 


चतुर और विवेकी
चतुर बनना और विवेकी बनना, इन दोनों में बहुत अन्तर है। 
चतुर का अर्थ है =चालाक, धोखेबाज़, अवसरवादी व्यक्ति।
विवेकी का अर्थ है बुद्धिमान और धार्मिक व्यक्ति।
 तो चालाक धोखेबाज अवसरवादी बनना तो अच्छी बात नहीं है, जबकि बुद्धिमान और धार्मिक व्यक्ति बनना बहुत अच्छी बात है। 
     आपको संसार में बहुत से  चतुर लोग मिलेंगे अर्थात धोखेबाज अवसरवादी लोग बहुत मिलेंगे । और कुछ लोग विवेकी भी मिलेंगे,जो प्रत्येक अवसर पर बुद्धिमत्ता और धार्मिकता से सबके साथ व्यवहार करते हैं। 
     यदि कोई व्यक्ति चतुर बनने का प्रयास करता है तो धोखा देने और अवसरवादी बनने के कारण उसे अनेक प्रकार के दण्ड भोगने पड़ते हैं। और जो धार्मिक परोपकारी बुद्धिमान होता है, वह विवेकी व्यक्ति समाज और ईश्वर से अनेक प्रकार के सुख पाता है। अब दोनों बातें आपके सामने हैं। आप विचार कीजिए और देखिए कि चतुर बनना अधिक लाभकारी है अथवा विवेकी बनना !


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