आज का वेदमंत्र,
आज का वेदमंत्र,अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेन्द्र भाटिया द्वारा
अयं देवानामपसामपस्तमो यो जजान रोदसी विश्वशम्भुवा।
वि यो ममे रजसी सुक्रतूययाजरेभि स्कम्भनेभिः समानृचे॥ ऋग्वेद १-१६०-४।।
प्रभु सर्वव्यापक है। प्रभु सर्वाधिक कर्मशील है। प्रभु ने सूर्यलोक और पृथ्वीलोक को अपनी दिव्य शक्ति से प्रकट किया है। वह ही जगत की उत्पत्ति का कारण है। वह ही इस जगत को धारण किए हुए है। हम सभी उसकी महिमा को नमन करते हैं।
sarvjatiy parichay samelan, marriage buero for all hindu cast, love marigge , intercast marriage , arranged marriage
rajistertion call-9977987777, 9977957777, 9977967777or rajisterd free aryavivha.com/aryavivha app