युवा मनीषी-पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी

 


 



 


 


 


युवा मनीषी-पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी


संकलनकर्ता- डॉ विवेक आर्य


पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी जी की जयंती 26/4/1890 पर विशेष रूप से प्रकाशित


पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी जी एक युवक दार्शनिक विद्वान् थे जिन्होंने चौबीस वर्ष (24) की अल्पायु में ही संस्कृत, अरबी, फ़ारसी, अंग्रेजी, वैदिक साहित्य, अष्टाध्यायी, भाषा विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, वनस्पति शास्त्र, नक्षत्र विज्ञान, शरीर विद्या, आयुर्वेद, दर्शन शास्त्र, इतिहास, गणित आदि का जो समयक ज्ञान प्राप्त कर लिया था , उसे देख कर बड़े-बड़े विद्वान चकित रह जाते थे।उनके ज्ञान का अनुमान लगाना पर्वत को तोलना था।


गुरुदत्त जी का एक वर्ष(सन् 1888) का कार्य और उपलब्धियां :


-- स्वर विज्ञान का अध्ययन
-- वेद मन्त्रों के शुद्ध तथा सस्वर पाठ की विधि का प्रचलन
-- दिग्गज साधुओं को आर्यसमाजी बनाया
-- कई व्याख्यान किये तथा कई लेख और ग्रन्थ लिखे
-- पाश्चात्य लेखकों के द्वारा आर्यधर्म पर किये गये पक्षपातपूर्ण आक्षेपों के उत्तर दिए
-- शिक्षित वर्ग इस विद्यावारिधि के पास शंका समाधान के लिए आता रहा


पंडित जी गूढ़ से गूढ़ प्रश्न का उत्तर सरलता से देते थे। दार्शनिक गुत्थी उनके समक्ष गुत्थी ही न रहती।
इस नवयुवक के एक वर्ष के कार्य एवं उपलब्धियाँ महापुरुषों में उच्च स्थान दिलवाने के लिए पर्याप्त हैं।


सन्दर्भ : डॉ राम प्रकाश जी की पुस्तक -"पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी "


sarvjatiy parichay samelan, marriage buero for all hindu cast, love marigge , intercast marriage , arranged marriage

rajistertion call-9977987777, 9977957777, 9977967777or rajisterd free aryavivha.com/aryavivha app


Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।