किसी व्यक्ति से बातचीत/चर्चा करने से पहले क्या सावधानी रखनी चाहिए


     


 


 


 


 


 



  किसी व्यक्ति से बातचीत/चर्चा करने से पहले क्या सावधानी रखनी चाहिए
        संसार में देखा जाता है कि अनेक लोग प्रतिदिन बातचीत करते हैं। एक दूसरे के साथ अनेक विषयों पर लंबी लंबी चर्चाएं करते हैं।  बहुत सारा समय उसमें खर्च करते हैं। बहुत से शब्दों का प्रयोग करते हैं। उनमें कुछ अच्छे शब्द होते हैं। अनेक बार अनुचित शब्दों का प्रयोग भी हो जाता है, क्योंकि बातचीत करते समय शब्दों और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रह पाता।
 लंबे समय तक चर्चा करने के बाद भी परिणाम कुछ विशेष नहीं आता। अनेक बार तो झगड़ा भी हो जाता है। तब लाभ के स्थान पर हानि होती है। इसका ज्वलंत उदाहरण -  आप टेलीविजन में, जो अनेक घटनाओं पर की जाने वाली चर्चाएं हैं, उनमें देख सकते हैं। किस प्रकार से लोग सत्य को दबाते हैं और असत्य का को बढ़ावा देते हैं। न्याय को दबाते हैं, अन्याय को उभारते हैं।
        ऐसा क्यों होता है? इसका सबसे बड़ा कारण है, मन का शुद्ध न होना. जब मन में शुद्धता नहीं होती, राग द्वेष पक्षपात आदि दोष मन में भरे हुए  होते हैं, तब चर्चाओं से कोई लाभ नहीं होता। व्यर्थ समय नष्ट होता है, और शब्दों का दुरुपयोग होता है। परिणाम क्या निकलता है! आपस में राग द्वेष क्रोध ईर्ष्या जलन अभिमान आदि दोष और अधिक बढ़ जाते हैं, जो कि जीवन में अशांति उत्पन्न करते हैं। इसलिए ऐसी चर्चाओं से तो दूर ही रहना चाहिए।
          यदि कुछ लोग बैठकर चर्चा करना चाहते हैं, किसी समस्या को सुलझाना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने मन को शुद्ध करें। राग द्वेष पक्षपात अन्याय को मन से निकाल कर दूर करें। तब निष्पक्ष भाव से किसी विषय पर चर्चा करें। समय भी लगाएं और उचित शब्दों का प्रयोग करें। तब तो ये सारी चर्चाएं करना सार्थक है, अच्छे परिणाम देने वाली सिद्ध होंगी।
 अन्यथा समय और शक्ति का नाश,  शब्दों का दुरुपयोग, तथा आपस में राग द्वेष का बढ़ना, लड़ाई झगड़े, अशांति आदि, यही कुछ परिणाम निकलेगा।
  स्वामी विवेकानंद परिव्राजक




 sarvjatiy parichay samelan,marriage  buero for all hindu cast,love marigge ,intercast marriage  ,arranged marriage 


 rajistertion call-9977987777,9977957777,9977967777or rajisterd free aryavivha.com/aryavivha app




Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।