वसुधेव कुटुम्बकम

                    वसुधेव कुटुम्बकम                                                                                                                                                                          मनुष्य ग्यान विग्यान व अध्यात्म के माध्यम से आसमान में पक्षी की तरह उड़ना सीख लिया जैसे हवाई जहाज व वही मनुष्य ग्यान विग्यान व अध्यात्म के माध्यम से  समुद्र में मछली की तरह तैरना सीख लिया जैसे समुद्री जहाज लेकिन मेरे बंधुओ सम्पुर्ण संसार के मनुष्यो ने धरती पर भाई चारे से चलना आज तक नहीं सीखा वसुधेव कुटुम्बकम पुरा विष्व एक  परिवार है सनातन संस्कृति का मुल मंत्र है जिसकी कोशीष सदियो से जारी है वासुदेव सर्वम रामजी बहुनाम जन्म नाम अंते ग्यानवान मांम प्रपद्दते वासुदेव सर्वमिती स: महात्मा सुदुर्लभ:  गीता जी मेरे बंधुओ बहुत जन्मो के अंत में मनुष्य शरीर मिलता है   व मनुष्य शरीर पाकर परमात्मा का साक्षात्कार करना ही सच्चा ग्यान है व श्री कृष्ण वासुदेव ही समग्र परमात्मा है एैसा जानने वाला दर्शन करने वाला महात्मा सुदुर्लभ बताया है क्योकि जो भगवत साक्षात्कार कर लेता है उसका करना कर्मयोग जानना ग्यानयोग व पाना भक्तियोग तीनो  सिद्ध हो जाता उसे संसार से गरज नहीं होती व वह हमारे सामने भी आ जावे तो हम पहचान ने में असमर्थ है व प्रति मनुष्य का जन्म आपका हमारा सबका बहुत जन्मो के बाद मिला मानव देह है व अब श्री कृष्ण समग्र परमात्मा को जानना भी हमारा ही कृतव्य है व इसी में मानव जन्म की सफलता है 


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