क्या वेदों में विज्ञान था

प्रश्न- क्या वेदों में विज्ञान था? या है?


उत्तर- भारत के 3 पथभ्रष्टको मैं शंकराचार्य (8 वीं सदी) तुलसीदास (16 वीं सदी ) तथा मूल शंकर तिवारी (20वीं सदी) का नाम सर्वोच्च है ! इतिहास के तीन काले पन्नों ने उपलब्धियों की बजाए ! अवैज्ञानिक सोच, नफरत , गपौडा पंथी की जो सोच पैदा की , उससे वो कालखंड पूरी तरह से न सिर्फ बर्बाद हुआ! बल्कि देश भी गर्त में गया ! शुरू के 2 तो इतिहास बन गए ! तीसरा भारतीयों को अवैज्ञानिक बनाने में जी जान से जुटा है!  मूल शंकर तिवारी उर्फ दयानंद सरस्वती के फॉलो वर का ! आज यह हाल है की इनका सारा विज्ञान मंत्रों में है! मंत्रों से गपोडा की विज्ञान टपका रहा है ! कोई बीमार हो , कहीं आग लगी हो, कहीं प्रदूषण हो , कहीं बारिश ना हो रहा हो , कहीं सूखा पड़ा हो, किसी को मंत्री बनाना हो , या संतरी , बच्चा ना हो रहा हो,  इन्हें बुला लो , हवन करा लो , तुरंत इधर वेद मंत्र गपोडा , उधर सारी प्रॉब्लम छूमंतर , कुछ गपोड़े तो, ऑटोमेटिक रेडिएशन हो या हानिकारक गैस रिसाव ! सारे प्रदूषण से दूर करने का अचूक दवा हवन और गोमूत्र बताते हैं! एक ने तो भोपाल गैस कांड में हवन से एक की जान बचाने तक की बात गपोड दी ! यह मूल शंकर तिवारी की उपलब्धियां है! इनके चले चपाटे साइंस को पश्चिम का साइंस बताते हैं ! और अपने गोबर किताब को विज्ञान की किताब!


      इन की किताब में सारा विज्ञान है! बस वह तो अंग्रेज आए थे जी इनके किताब से विज्ञान चुरा ले गए थे पाठ पढ़ाया है तिवारी ने आर्य समाजियो को , और तो और विज्ञान चुराके ले गए , और इनकी किताबों में मिलावट भी कर दिए ! क्या करें मूल शंकर तिवारी जितना ज्ञानी कहां मिलेगा! अट्ठारह सौ पचहत्तर से मंत्र अर्थ बदल बदल कर मिलावट करके विज्ञान टपका रहा है संस्कृत के शब्दों से ! जैसा गुरु वैसा चेला! गुरु जी के पूर्वज का हथियार सुनके आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे ! अजी गुरु जी ने भले ही मच्छर ना मारा हो ! लेकिन अपनी किताब सत्यार्थ प्रकाश में लिख गए ! आज के मिसाइल टैंक तो कुछ नहीं इससे तो बड़े हथियार आज से 5000 साल पहले महाभारत में थे जी केमिकल बम तक बता दिए ! अब पता नहीं गुरुजी किताब लिखते वक्त कौन सा सस्ता नशा किए थे या सपने में कोई गपोड़ा बता गया ! बिना देखे बिना लैब एक्सपेरिमेंट के,  बिना किसी पुरातात्विक प्रमाण के , इतनी बड़ी गपोड़ा पंथी लिख गए ! अब गुरु ही अफीमची हो, तो चेला क्या करें , विज्ञान किताब मैं लेकर घूम रहा है अभी ! सभी को गद्दार , देशद्रोही , विधर्मी , बुद्धिस्ट , नास्तिक , वामपंथी, अंबेडकरवादी , प्रगतिशील कह के मोदक शास्त्र छोड़ देगा !


       चेला किताब लेकर घूमता है सारा विज्ञान है किताब में ! किताब खोला नहीं की सारे पड़ोसी देश नक्शे से गायब हो जाएंगे ! श्राप दे देगा , हवन कर देगा , हथियार की कमी थोड़ी है ! 1000 साल तक देश गुलाम करवा चुका है! वेद से विज्ञान टपका  टपका के फिर से तैयारी में है। 


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