कोरोना वायरस के लाभ






कोरोना वायरस के लाभ -- भले ही इस महामारी से हमें ढेर सारी हानियां हुई हैं किंतु इसने हमें बहुत सारे सबक़ भी सिखाएं हैं -- 1, जो व्यक्ति ईश्वरीय शक्ति को कभी नहीं मानता था, अब उसे उस सत्ता का आभास होने लगा है, उस पर विश्वास जमने लगा है, ईश्वर के कार्यों से परिचित होने लगा है । ईश्वर इस सृष्टि का निर्माण करता है, चलाता है और प्रलय करता है। आज का वैश्विक विभत्स व विकराल दृश्य एक प्रकार प्रलय सम लग रहा है। सब कुछ विराम, एकदम शांति, सुनसान, सन्नाटा और स्तब्धता। ऐसा ही दृश्य प्रलयावस्था में होता होगा। इससे हमें उस ज्ञानमयी शक्तिशाली सत्ता को समझना चाहिए और उसकी भक्ति विशेष करनी चाहिए। 2, जो लोग निराकार विचारधारा से सहमत नहीं थे वे इस समय कोरोनावायरस रूपी निराकार सम सूक्ष्म जीव को स्वीकार कर रहे हैं। जिस प्रकार इस शूद्र जीव को हम देख नहीं सकते फिर भी वह अपना काम कर रहा है, ठीक उसी प्रकार परमात्मा भी अति सूक्ष्म और निराकार होते हुए भी सृष्टि की समस्त व्यवस्थाओं को चला रहा है, हमारे जन्मों व कर्मों का हिसाब किताब कर रहा है और तदनुसार हम सबको फल भी दे रहा है। सो अब निराकार रूपी पहेली को समझने में आसानी हो गयी और इस प्रकार ईश्वर का निराकार रूपी गुण सहजता से हृदयंगम होने लगा है। 3, जिन्हें अपने तन मन धन का घमंड था, जिन्हें अपनी जमीन जायदाद का गरूर था, जिन्हें अपने पद का अभिमान था, अब उन्हें भी पता चल गया है कि यह सब कुछ सदा काम नहीं आता, यूं ही धरा का धरा रह जाता है। इस बेबसी की घड़ियों में ये सारी शक्तियां शक्तिहीन व असहाय हो गई हैं। अब न तो पैसा काम आ रहा है, न पद प्रतिष्ठा, ना सोना चांदी, ना बंगले, ना गाड़ियां, न नौकर चाकर। सब कुछ होते हुए भी यह सब लोष्ठवत लग रही हैं। इसीलिए हमें सृष्टि की क्षणभंगुरता को स्वीकार करना चाहिए और हमें अपने झूठे दम्भ व अहंकार को त्यागकर ईश्वर प्रणिधान का पालन करना चाहिए। 4, जिंदगी की भागदौड़ करने वाला इंसान आज आराम से बैठ गया है। जिसके पास एक पल का भी समय नहीं था, उसके पास अब समय ही समय है। जो कहते थे कि मरने की फुर्सत नहीं है अब उन्हें अब उनके पास फुर्सत ही फुर्सत है। इस प्रकार हमारी अनेक अज्ञानताएँ व गलतफहमियां स्वतः समाप्त हो गयीं। अतः अब आवश्यकता है कि हम इस घटना से सबक़ लें और उसका विश्लेषण करें और इन शिक्षाओं को अमल में लाकर अपना बचा हुआ जीवन सफल बनायें।


 






 

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