हिन्दु राज क्यो
हिन्दु राज क्यो
कुछ समय पहले तस्लीमा नसरीन ने कहा कि भारत इस्लामिक मुल्क बन जाए अच्छा होगा कि भारत हिन्दू राष्ट्र (हिन्दू राज) ही बन जाए।
अब फिर से तस्लीमा ने बोला कि गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ापन आतंक का कारण नही है ! आतंक का मूल कारण है कुरान ! तस्लीमा नसरीन ऐसा क्यों कह रही हैं ? क्या तस्लीमा मुसलमानो की दुश्मन हैं अथवा तस्लीमा मूर्ख हैं या फिर तस्लीमा हिन्दुवाद की समर्थक हैं !
मेरी जानकारी मे तस्लीमा उपरोक्त तीनो ही नहीं हैं । तस्लीमा गाहे बगाहे सारे समाजों और लोगों के कट्टरपंथ और मर्दवाद के खिलाफ बोलती, लिख्ती और प्रसारित करती रही हैं ।
फिर वे भारत को हिन्दू राष्ट्र बना देने की बात क्यों कर रही हैं ? क्या उन्हे भारत और उसके विभिन्न समुदायों से जुड़े सभी नागरिकों का भविष्य हिन्दूओ के शासन मे बेहतर और सुरक्षित लगता है ! क्या वह कुरान प्रेरित इस्लामिक जिहाद और भारत मे मजहबी आतंकी के बढते खतरे को भांप रही हैं, जो भारत के लोकतंत्र संविधांन व समावेशी संस्कृति के ऊपर मंडराने वाला है।
क्या वह भारत के सेकुलरों के फर्जिवाडे को समझ रही हैं कि फर्जी सेकुलरीजम अन्ततः इस्लामिक कट्टरता के उभार के लिए ढाल की तरह इस्तेमाल हो रहा है !
मुझे लगता है- हाँ, तस्लीमा उस खतरे को पूरी तरह से समझती हैं जो भारत पर मंडरा रहा है, उन्हे पता है कि वारिस पठान झूठ नही बोल रहा है, बल्कि झूठ शाहीन बाग की दादियां और पोतियाँ मिलकर बोल रही हैं, तस्लीमा को पता है कि जिहाद को इसलाम को लेकर सरजील इमाम झूठ नही बोल रहा है, बल्कि मुनव्वर राणा और उनकी बेटियां के शान्ति बोल झूठ हैं।
क्योंकि तस्लीमा को पता है कि जब इस्लमिक कट्टरपंथ चरम पर जायेगा तो वह जावेद - नसीरुद्दीन - सैयद जफरवाला को नही सुनेगा और न ही सुनेगा गुलाम नबी, राहुल, अखिलेश, देवगौड और लालू यादव को ! और लोकतंत्र तथा संविधांन को तो तत्काल मय रूह के फना होना होगा।
फिर वह किसकी सुनेगा, तस्लीमा को वह भी पता है ! वह कुरान से निकलती सिर्फ एक आवाज सुनेगा - अल्लाह और कुरान को न मानने वाले काफिरों को मार दो और उनके जर जोरू और जमीन को लूट लो !
तस्लीमा उस भयावहता को समझ रही हैं, मह्सूस कर रही हैं तथा भारत को आगाह कर रही हैं कि-अभी वक्त है सम्भल जाओ। वर्ना संविधान लोकतंत्र और देश बचाने का नाटक जो चल रहा है -सबसे पहले उसे सपोर्ट करने वाले सेकुलर ही हलाल किये जायेंगे !
तस्लीमा जानती हैं कि रेडीकलाइजेशन के सूत्र कुरान मे ही मौजुद हैं -तस्लीमा को पता है कि आतंक का पिता और पहला आतंकी कौन था ! तस्लीमा इसिलिए इस देश को बचाने के लिए,भारत की सभ्यता संस्कृति और लोकतंत्र तथा संविधान को बचाने के लिए हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात कह रही हैं।
तस्लीमा की इस्लाम की समझ पर मुझे तो कोई संदेह नही है। हो सकता है वह हिन्दू , हिन्दुत्व और हिन्दुवाद को पूरी तरह न समझती हों पर कुरान व उससे जन्मे आतंक को तो उन्होंने जिया, झेला और अनुभव करके शब्द व वाणी दी है। इसलिये तस्लीमा की बात भारत के नीति नियंताओं द्वारा सुनी जानी चाहिये...