आज का पंचांग

                                                       
  चैत्र कॄष्ण अमावस्या २०७६
   
24  मार्च  2020 
~~~~~
दिन -----           मंगलवार
तिथि ---            अमावस्या
नक्षत्र -------       उत्तराभाद्रपद
पक्ष ------          कृष्ण
माह-- ---           चैत्र
ऋतु --------   बसन्त
सूर्य उत्तरायणे,उत्तर गोले  
विक्रम सम्वत --2076
दयानंदाब्द -- 196
शक सम्बत -1941
मन्वन्तर ---- वैवस्वत 
 कल्प सम्वत--1972949121
मानव,वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत-१९६०८५३१२१
(ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका )
सूर्योदय -((दिल्ली)--6:23
सूर्यास्त--6:35


 


.पहला सुख निरोगी काया


 कोरोना से सावधानी : अपने या पड़ोस के किसी व्यक्ति को जुकाम ,बुखार ,आदि हो तो गरम पानी पिलवाते रहें, lariago या paracetamol  की गोली खिलवाएँ ,तुरंत डाक्टर को सूचित करें।


आज का विचार


  कोरोना के साथ नव वर्ष आ रहा है, हमें समझा रहा है , दिल मिलाएँ,हाथ नहीं, नमस्ते करें! यज्ञ करें,शाकाहारी रहें,  वैदिक संस्कृति का परचम अब विश्व भर में लहरा रहा है !  - रूप


 



 हिन्दी संकल्प पाठ हे


परमात्मन् आपको नमन!!आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग जिसका प्रथम चरण वर्तमान है,कि जिसका काल अब 5121वर्ष चल रहा है ,सृष्टि कल्प सम्वत्सर एक अरब सतानवे करोड़ उन्तीस लाख उनन्चास हजार एक सौ इक्कीसवां वर्ष है,तथा वेदोत्पत्ति  मानव उत्पत्ति सृष्टिसम्वत एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ इक्कीसवां ,विक्रम सम्वत् दो हजार छियत्तर है,दयानंदाब्द 196वां है, सूर्य उत्तर अयन में उत्तर गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु बसन्त , मास चैत्र का कृष्ण पक्ष ,तिथि -अमावस्या नक्षत्र उत्तरा भाद्रपद  ,दिन आज मंगलवार है ,अंग्रेजी तारीख 24 मार्च को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के  ....जनपद...के ..ग्राम/शहर...में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में) मैं ...अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ....(नाम लें ).के सुपुत्र श्री  .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं ...आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए  प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ,जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य..... श्री का वरण करता हूँ!कृपा कर यज्ञ सम्पन्न कराइए



 आज का संकल्प पाठ 


ओं तत्सद्।श्री व्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे ,{ एकोवृन्दः सप्तनवतिकोटयः एकोनत्रिंशत् लक्षाणि एकोनपञ्चाशत् सहस्राणि एकविंशत्यधिकशततमे सृष्टयब्दे ,२०७६ {षटसप्ततति: उत्तर द्वी सहस्रे वैक्रमाब्दे }, शाके १९४१  दयानंदाब्द(पञ्च नवती उत्तर शततमे) १९६ , रवि उत्तरायणे, उत्तर गोले, बसन्त ऋतौ, चैत्र मासे कॄष्णपक्षे  अमावस्या तिथि,  उत्तरा भाद्रपद नक्षत्रे ,  ,तदनुसार 24 मार्च 2020 
जम्बूद्वीपे,  भरतखण्डेआर्यावर्तान्तर्  गते .........प्रदेशे ,........जनपदे.. ..नगरे......गोत्रोत्पन्नः....श्रीमान.(पितामह)....(पिता..).पुत्रस्य... अहम् .'(स्वयं का नाम)....अद्य  प्रातः कालीन वेलायाम्  सुख शांति समृद्धि हितार्थ ,आत्मकल्याणार्थ ,रोग -शोक निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे                  


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