युग से जुडी भ्राँति

लोग कहते हैं आजकल कलियुग चल रहा है। और कलयुग में सब काम उल्टे-पुल्टे होते हैं। झूठ छल कपट चोरी बेईमानी हत्या अपहरण आदि पाप कर्म सर्वोच्च स्तर पर होते हैं। यह युग का प्रभाव है। इसका दोष वे कलियुग को देते हैं। जबकि यह बात झूठ है। प्रायः लोग यह मानते हैं, कि कलियुग बहुत खराब होता है। द्वापर युग उससे कुछ अच्छा है। त्रेता युग उससे कुछ और अच्छा है। सतयुग सबसे अच्छा है। सतयुग में सब अच्छे लोग होते हैं। सब अच्छे काम होते हैं। सब प्रकार से सुख शांति आनंद होता है। कोई अपराध नहीं होते। 
लोगों का ऐसा मानना गलत है। कैसे?
मेरे प्रश्न का उत्तर बताइए। क्या सतयुग में कोई कुत्ता गधा हाथी बंदर भेड़ बकरी सांप बिच्छू था या नहीं था? यदि ऐसे प्राणी तब भी थे। तो क्या उस युग में परमात्मा बिना अपराध किए ही निर्दोष व्यक्तियों को सूअर कुत्ता बंदर साँप बिच्छू आदि बनाता था? ईश्वर अन्यायकारी नहीं है। यदि सतयुग में भी कुत्ते गधे हाथी घोड़े बंदर सूअर शेर भेड़िया आदि प्राणी पशु थे, तो इससे सिद्ध होता है कि तब भी अपराध होते थे। इसलिए ऐसी भ्रांतियों से बाहर निकलें।
आजकल कलयुग तो है ही। परंतु जो अत्याचार अपराध है , वह कलियुग के प्रभाव से नहीं है। वह तो स्वार्थ के कारण से है। इसलिए आजकल के युग को स्वार्थ युग तो कह सकते हैं, पर इसका दोष कलियुग पर नहीं डाल सकते। 
तो फिर इन युगों से क्या तात्पर्य है?
उत्तर - यह केवल काल गणना के लिए व्यवस्था बनाई गई है। जैसे 24 घंटे का नाम सोमवार है, अगले 24 घंटे का नाम मंगलवार है। इस प्रकार से 7 दिनों का नाम एक सप्ताह  है. 30 दिन का नाम एक महीना. 12 महीनों का नाम एक वर्ष. इस प्रकार से 4,32,000 वर्षों का नाम कलियुग है। बस इतनी सी तो बात है। केवल वर्णों की गणना का नाम ही कलियुग है। अब इस संख्या को दुगना करें. 8,64,000 वर्षों का नाम द्वापर है. इसका तीन गुना करें 12,96,000 वर्षों का नाम त्रेता  है। और कलियुग का चार गुणा करें, 17,28,000 वर्षों का नाम सतयुग है। 
अब सोचिए, क्या सोमवार आपको धक्का  मारता है कि आज आप चोरी करो? क्या मंगलवार आपको दबाव डालता है कि आज आप दान दो? 
दिन कुछ नहीं कहता। जैसे दिन समय कुछ नहीं कहता, ऐसे ही कलियुग त्रेता द्वापर आदि भी तो समय का ही नाम है! वह भी आपको अच्छे बुरे काम करने के लिए बाध्य नहीं करता। क्योंकि आप कर्म करने में स्वतंत्र हैं। अच्छा काम आप सोमवार को भी कर सकते हैं, और मंगलवार को भी। ऐसे ही बुरे काम आप किसी भी दिन कर सकते हैं। यही बात सतयुग द्वापर त्रेता कलियुग पर भी लागू होती है।


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