वीर हकीकत राय बलिदान दिवस
वीर हकीकत राय बलिदान दिवस
वसंत-पंचमी दे रही संदेश ये,
वीर-भूमि है हमारा देश ये
सिर कटाकर धर्म की रक्षा करें,
अन्यायी हो बलवान तो भी न डरें
तेरह बरस का हिंदू बालक था हकीकत
नाज था निज धर्म पे, करता था इज़्ज़त
मुल्ला के मकतब में वो करता था पढ़ाई
मुसलमानों से वहां हो गई लड़ाई
मुसलमानों ने बजाकर तालियां
बालक हकीकत चुप नहीं तब रह सका
'फातिमा बीबी' को वैसा कह दिया
हाय तौबा मच गई, ये क्या हुआ!
हमला किया काफिर ने है इस्लाम पर
गुस्ताखी है प्यारे नबी की शान पर
फिर बैठा काजी शरीयत के पन्ने खोलकर
राजसत्ता की खुमारी घोलकर
मौत का फतवा सुनाया मोमिनो ने
रहम बालक पर ना खाया जालिमों ने
फिर लगे कहने कि तू हो जा मुसलमाँ
माफ हो जाएंगे तेरे सब गुनाह
पर हकीकत था अटल निज धर्म पर
विश्वस्त था कि न्याय करता ईश्वर
आ गया जल्लाद फिर तलवार लेकर
त्राहि-त्राहि कर उठे नारी व नर
प्राण देकर धर्म की रक्षा क
उम्र छोटी में थी कुर्बानी बड़ी