वेद मंत्र
मो षु देवा अदः स्वरव पादि दिवस्परि।
मा सोम्यस्य शम्भुवः शूने भूम कदा चन वित्तं मे अस्य रोदसी॥ ऋग्वेद १-१०५-३।।🙏🌷
हे देव, हमारा तेज सदैव ऊंचा रहे। हमारा तेज उस ऊंचाई से कभी गिरे नहीं। हम कभी भी उसी स्थान पर ना रहे, जहां दिव्य आनंद ना हो। हम अपने पुरुषार्थ से निरंतर सुख की उन्नति करें।🙏🌷