वेद मंत्र

वैश्वानरस्य सुमतौ स्याम राजा हि कं भुवनानामभिश्रीः।
इतो जातो विश्वमिदं वि चष्टे वैश्वानरो यतते सूर्येण॥ ऋग्वेद १-९८-१।।


हमें प्रभु के सत्य ज्ञान का प्रकाश सदैव मिलता रहे। हम सदैव प्रभु के नियमों के अनुसार चलते रहें। परमेश्वर ही समस्त जगत का स्वामी है। उसी ने समस्त जगत को प्रकट किया है। वह ही सब को सुख प्रदान करने वाला है। वह ही सभी के द्वारा उपासना के योग्य है। सूर्य जो सबको प्रकाश देता है, उसको प्रकाश देने वाला भी प्रभु ही है।


Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

वर-वधू को आशीर्वाद (गीत)