वेद मंत्र
स त्वं न इन्द्र सूर्ये सो अप्स्वनागास्त्व आ भज जीवशंसे।
मान्तरां भुजमा रीरिषो नः श्रद्धितं ते महत इन्द्रियाय॥ ऋग्वेद १-१०४-६।।🙏🌼
हे प्रभु, हमें सूर्य जैसी प्रतिभा और जल जैसी शीतलता प्रदान करें, हमारा जीवन पापवृत्तियों रहित हो। हमारी तुम्हारे प्रति पूर्ण श्रद्धा है। हम प्रार्थना करते हैं कि समस्त प्रजा को संरक्षण दे, समृद्धि दे।🙏🌼