वैदिक भजन
आज का वैदिक भजन ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgI8DaXeb6yIBfLEvHkXrqBpn2q5cTxjK5vpGQFx0lLerIO-fwaefK8mljob20eNIyziBheiys1DD4qw2Hth0_jnyaqkhE61X_04dy9fftwg77HBiwnvF-gqYtoMg_PhrvjxNWygLG5Jl0/)
हे जगदीश्वर हे भगवान बहुत निराली तेरी शान २
विश्व विधाता ईश महान बहुत निराली तेरी शान
हे जगदीश्वर ...
अमर अनादि अनन्त अनूपा
नित्य सनातन सत्य स्वरूपा २
अलख निरञ्जन शक्तिमान बहुत निराली तेरी शान
हे जगदीश्वर ...
मात पिता बन्धु और भ्राता
रक्षक पालक तू सुखदाता २
तू सबका प्राणों का प्राण बहुत निराली तेरी शान
हे जगदीश्वर ...
मंगल जनक अमंगलहारी
कष्ट विदारक पर उपकारी २
दीन दया कर कृपा निधान बहुत निराली तेरी शान
हे जगदीश्वर ...
पतितपावन शंकर स्वामी
परम सहायक अन्तर्यामी २
पथिक करें तेरा गुणगाण बहुत निराली तेरी शान
हे जगदीश्वर ...
हे जगदीश्वर हे भगवान बहुत निराली तेरी शान २
विश्व विधाता ईश महान बहुत निराली तेरी शान
हे जगदीश्वर ...