ऋषि दयानद और लार्ड रॉबर्ट्स

  स्वामी दयानन्द जी बिहार प्रान्त में थे। पटना के निकट दानापुर में उनके व्याख्यान हो रहे थे! एक दिन भारतवर्ष के सेनापति (Commander-in-chief) लार्ड रॉबर्ट्स अपने दलबल सहित स्वामी जी के व्याख्यान में पधारे। यह देखकर कई लोगों ने घबराकर स्वामी जी से कहा कि, ये भारत के सेनापति हैं ! कृप्या विशेष खण्डन न करें !!


      स्वामी जी ने उत्तर दिया कि :-
 "मैं आज ईसाई मत के खण्डन में व्याख्यान दूंगा, और बड़े जोर से खण्डन कर सेनापति को सिद्ध कर दिखाऊंगा कि तुम्हारे मत से वैदिक धर्म श्रेष्ठ है।" इतना कहकर स्वामी जी व्याख्यान देने खड़े हुए और बड़े जोर के साथ किन्तु युक्तिपूर्वक बाइबिल का खण्डन किया।


      व्याख्यान के अंत में सेनापति लार्ड रॉबर्ट्स ने उठकर स्वामी जी को प्रणाम किया और स्वामी जी की बड़ी तारीफ़ की तथा कहा कि :-


"When you can speak in this fashion on the Bible in our presence you must care but little for others."


" जब आप हमारी उपस्थिति में इस प्रकार बाइबिल पर भाषण कर सकते हैं तो और (छोटे मोटे) लोगों की तो आपको कुछ परवाह ही नहीं होती होगी।"


अन्त में यह कहकर चले गए :-


"A real Sanyasi will fear nothing."


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