कच्ची मिट्टी से बने घर में कौन रह सकता है
कच्ची मिट्टी से बने घर में कौन रह सकता है
यदि उसके पास निम्नलिखित योग्यता नहीं है तो वह कच्ची मिट्टी के घर को गिराकर सीमेंट से महल बनाने का लक्ष्य रखेगा ।
1- विद्या को पूर्ण रूप से जानता हो ।
विद्या की परिभाषा - बुद्धि द्वारा तर्क से ज्यों का त्यों जानना एवं जिससे समस्त मानव एवं जीव जंतुओं के जीवन को पूर्णकालिक सुख मिल सके। वही विद्या है , जब वह विद्या से ज्यों का त्यों जानेगा तभी वह ,सभी वस्तु की उपयोगिता के अनुसार उपयोग करेगा अन्यथा सर्वनाश ही करेगा।
2-वह चारों वेदों का विद्वान हो ,सभी ब्राह्मण ग्रंथ और दर्शनों का स्वाध्याय किया हो और उसका आचरण वेद अनुकूल हो ।
3-केवल विद्वान ही नहीं वह धर्मात्मा हो , विद्वान तो रावण भी था ।
4-उसके परिवार में कम से कम 2 बच्चे और अधिकतम 10 बच्चे होने चाहिए ।
5-वह धन ऐश्वर्य युक्त होना चाहिए जिससे उसके पास किसी वस्तु का अभाव ना हो।
6-उसके पास आधुनिकतम हथियार होने चाहिए जिससे वह राष्ट्र की रक्षा कर सकें।
7-उसकी आयु 400 वर्ष तक होनी चाहिए।
8-उसके घर में दोनों समय अग्निहोत्र होना चाहिए।
9-उसको 4 घंटे शारीरिक श्रम करके वैदिक कृषि कार्य करना अत्यंत आवश्यक है । जिससे वह पूर्ण स्वस्थ , बलशाली बन सके।
फसल की खाद के लिए केवल वह देसी गाय का ताजा गोबर ,गोमूत्र गुड़ का उपयोग करेगा क्योंकि यही फसल का संपूर्ण खाद है उसके घर में भैंस नहीं होगी क्योंकि वह जंगल का पशु है और जर्सी गाय भी नहीं होगी क्योंकि उसके दूध कैंसर कारक है ।
10-वह न्याय प्रिय होना चाहिए और अन्याय को सहन ना करें ।
11-सत्यवादी होना चाहिए ।
12-वह वैदिक चिकित्सा होना चाहिए यदि किसी कारणवश बीमार हो जाए तो खुद ही अपना इलाज कर सके ।
13-उसमें रक्षक का गुण होना चाहिए बिना वजह भक्षक ना बन जाए ।
14-उसके कपड़े जुलाहा ही तैयार करेगा और यदि रंगीन कपड़े होंगे तो कपड़ों का रंग प्राकृतिक तरीके से होगा ।
15-उसका भोजन शुद्ध सात्विक होगा।
यह विद्या जानने के लिए उसको शुरुआत सृस्टि विज्ञान के ग्रंथ ऐतरेय ब्राह्मण भाष्य आचार्य अग्निवर्त द्वारा वेद विज्ञान -आलोक , से करनी होगी । इस ग्रंथ में आधुनिक विज्ञान एवं वैदिक विज्ञान की पूरी सच्चाई बता दी गयी है ।