आप कौन है

आप कौन है? 
                                     


एक किसान अपने पके हुए फसल मजदूरों से कटवा रहा था। शाम होने को था,उसने मजदूरों से कहा - "जल्दी जल्दी काम करो,यैसा न हो कि रात्रि आ जायँ"। वही खेत मे एक बैठा शेर यह बात सुन लेता है। उसने सोचा ! की शायद रात्रि मुझसे भी अधिक शक्तिशाली,कोई जानवर है। सो वह एक झाड़ी में छुप कर बैठ गया। अंधेरा होने पर सारे मजदूर और किसान चले गए।


तब एक धोबी जिसका गधा भूल गया था,खोजते खोजते वहां आया,झाड़ी में उसे कोई जानवर दिखाई दिया,उसने सोचा मेरा गधा ही है,जो यहां आकर बैठ गया है। सो दबे पांव गया और पीछे से दो लाठी जमा दिया। शेर ने समझा कि रात्रि नामक शक्तिशाली जानवर आ गया,सो बेचारा शेर भय से लाठी खा कर भी चुपचाप बैठा रहा। अंधेरा के कारण धोबी भी ठीक से नही देख पाया,सो उस धोबी ने कान पकड़ कर खिंचते हुए,घर लाकर बांध दिया और आराम से सो गया।


*सुबह होते ही उसने शेर पर कपड़ा लादा और चल दिया। चुकी वह कभी शेर को देखा नही था,उसने सोचामेरा गधा तो नही है,पर लगता है किसी दूसरे नश्ल का कोई गधा है,पर हमे क्या,हमे तो काम से मतलब है। रास्ते में एक दूसरा शेर मिला गठरी लादे शेर को देख बड़ा आश्चर्य हुआ की,हमारी जाती का शेर गधे की तरह ब्यवहार कर रहा है। सो उसने सोचा कि,धोबी को तो बाद में खाऊंगा,पहले थोड़ा शेर को समझाऊं। वह चुपचाप शेर के पास गया और बोला - "तू शेर है,शेर होकर गधे का काम कर रहा है?" गधे बना शेर बोला - "चुप रहो,यह रात्रि ( धोबी ) है,बड़ा बलवान जानवर है,यह मुझे औऱ तुम्हे भी मार डालेगा"। शेर ने कहा - "तू जरा दहाडो तो" गधा बना शेर दहाडा तो धोबी भाग खड़ा हुआ। तब उसे ज्ञान हुआ,मैं तो शेर हूं, उससे अधिक शक्तिशाली हूं। मैं तो भ्रम में था ! ज्ञान होते ही,भय का भूत भाग गया,और वह स्वतंत्र होकर जंगल मे विचरण करने लगा।
भावार्थ - यह जीव,जो वास्तव में परमात्मा रूपी शेर ही है। पर अज्ञान के कारण अपने को जीव ( धोबी का गधा ) मान बैठा है,और कर्मरूपी भार ढो रहा है। जिस दिन जीव अपने को पहचान गया,उस दिन उसका कल्याण निश्चित है।


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