आज का वेदमंत्र
आज का वेदमंत्र, ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZSq_GWwlCdYZF4DjbBkP1F-mxUQRARhuyARJojN4eH_XCXyZaMTUzgSXYSbtvKZ0gKsWajOsnzxLMiZYJx2jMBvXGGNRe3gNpHVspCkFLZs6dzWPKdMoy9b7NhWSae-C5eXQycrG_1DQ/)
वाजेभिर्नो वाजसातावविड्ढ्यृभुमाँ इन्द्र चित्रमा दर्षि राधः।
तन्नो मित्रो वरुणो मामहन्तामदितिः सिन्धुः पृथिवी उत द्यौः॥ ऋग्वेद १-११०-९।।
हे ज्ञान स्वरूप परमेश्वर, जीवन के संग्राम में सफल होने के लिए हमें ज्ञान रूपी शक्तियां प्रदान करो। हमें अद्भुत ज्ञान स्वरूप धन प्रदान करो। जिससे कि हम अपनी वासनाओं पर नियंत्रण रख सकें। श्रेष्ठ गुण युक्त मित्र, अंतरिक्ष, पृथ्वी, समुद्र और सूर्य इसमें हमारे सभी सहायक हो।