गुरुमन्त्र

गुरुमन्त्र


 


ओ३म्। भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि।


धियो यो नः प्रचोदयात्।।


      शब्दार्थ-हे भूः सत्यस्वरूप ! प्राण! सब जगत् के जीवनाधार! प्राण से भी प्रिय! स्वयम्भू! भुवः सर्वज्ञ ! अपान! सब दुःखों से रहित! जीवों के दुःख दूर करनेवाले ! स्वः आनन्द ! व्यान! नानाविध जगत् में व्यापक होकर सबको धारण करने वाले. सबके आनन्द साधन एवं आनन्द देने वाले परमेश्वर! सवितुः सर्वजगत् के उत्पादक, सर्वेश्वर्य-प्रदाता, सकल संसार के शासक, सब शुभ प्रेरणा देने वाले देवस्य सर्व-सुख-प्रदाता, कमनीय, दिव्यगुणयुक्त आप प्रभु के वरेण्यम् स्वीकार करने योग्य अतिश्रेष्ठ तत् उसे जगत्प्रसिद्ध भर्गः शुद्धस्वरूप, पवित्रकारक, चैतन्यमय, पापनाशक तेज को धीमहि हम धारण करें तथा ध्यान करें, यः जो नः हमारी धियः बुद्धियों को प्रचोदयात् शुभ प्रेरणा करे, अर्थात् बुरे कर्मों से हटाकर अच्छे कामों में प्रवृत्त करे ।


      व्याख्या-हे परमेश्वर ! सच्चिदानन्दानन्तस्वरूप ! हे नित्य-शुद्ध-बुद्ध-मुक्त-स्वभाव ! हे अज ! निरञ्जन! निर्विकार ! हे सर्वान्तर्यामिन् ! हे सर्वाधार जगत्पते। सकल जगत् के उत्पादक ! हे अनादे ! विश्वम्भर ! सर्वव्यापिन्! हे करुणावरुणालय ! हे निराकार! सर्वशक्तिमन्। न्यायकारिन् ! समस्त संसार की सत्ता के आदिमूल! चेतनों के चेतनसर्वज्ञ ! आनन्दघन भगवन् क्लेशापरामृष्ट ! कमनीय! प्रभो ! जहाँ आपका जाज्वल्यमान तेज पापियों को रुलाता है, वहाँ आपके भक्तों, आराधकों, उपासकों के लिए वह आनन्दप्रदाता है, उनके लिए वही एक प्राप्त करने की वस्तु है; उनके ज्ञान-विज्ञान, धारणा-ध्यान की वृद्धि कर उनके सब पाप-सन्ताप नाश कर देता हैपरमाराध्य परमगुरो ! तू सदा पवित्र और उन्नतिकारक प्रेरणा दिया करता है, हम तेरी शरण में आये हैं, तू हमें भी पवित्र प्रेरणा देतू ही सबको सुमार्ग दिखाता है, हमें भी सुमार्ग दिखलाहमें ऐसी प्रेरणा कर कि जिससे हम कुमार्ग से हटकर सुमार्ग पर आरूढ़ हों, कुकाम से निवृत्त होकर सुकाम में प्रवृत्त हों, कुव्यसनों से विरक्त होकर सत्कार्यों में संरक्त हों, सांसारिक कामनाओं को चित्त से हटाकर तेरे तेज को धारण करें, उसका ध्यान करें, ताकि हमारे सारे पाप-ताप नष्ट हो जाएँ, मल धुल जाएँ, विक्षेप का संक्षेप होते-होते सर्वथा प्रक्षेप हो जाए ।


      हे सकल-शुभ-विधातः ! करुणानिधान ! कृपालो ! दयालो ! हम पर ऐसी कृपा और अनुग्रह कीजिए, कि हमें सदा तेरी प्रेरणा मिलती रहे, ताकि तेरी उस प्रेरणा से प्रेरित हुए हम सदा तेरी आज्ञा का पालन करते हुए तेरे वर पुत्र बन सकेंप्रभो ! भूयोभूयः तुझसे यही प्रार्थना है।


https://youtu.be/z_b2YUHXT7Y


 


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