सच्च और झूठ
“इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि मैं ने बाबुल के राजा के जूए को तोड़ डाला है। यहोवा के भवन के जितने पात्र बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर इस स्थान से उठा कर बाबुल ले गया, उन्हें मैं दो वर्ष के भीतर फिर इसी स्थान में ले आऊंगा। और मैं यहूदा के राजा यहोयाकीम का पुत्र यकोन्याह और सब यहूदी बंधुए जो बाबुल को गए हैं, उन को भी इस स्थान में लौटा ले आऊंगा; क्योंकि मैं ने बाबुल के राजा के जूए को तोड़ दिया है, यहोवा की यही वाणी है।”
किस भविष्यवक्ता ने यह भविष्यवाणी की है? क्या यशायाह ने, यिर्मयाह ने या फिर यहेजकेल ने यह भविष्यवाणी की है? अथवा छोटे नबियों मे से किसी ने की है? और यह भविष्यवाणी कब पूरी हुई? आप अपना बाइबल कितनी अच्छी तरह जानते हैं?
वास्तव में वह हनन्याह नाम का झूठा भविष्यवक्ता था, और उसकी भविष्यवाणी यिर्मयाह के २८:२-४ में उल्लिखित है।
मेरे कहने का तात्पर्य यह कदापि नहीं है कि हरेक व्यक्ति को अपने बाइबल का अच्छा ज्ञान होना चाहिये। मेरा कहना सिर्फ इतना है कि सन्दर्भ से बाहर झूठे भविष्यवक्ता के शब्द और सच्चे भविष्यवक्ता के शब्दों में अन्तर नहीं किया जा सकता।
१५० वर्ष पूर्व यशायाह ने वास्तव में भविष्यवाणी की थी, “मैं अश्शूर को अपने ही देश में तोड़ दूंगा, और अपने पहाड़ों पर उसे कुचल डालूंगा; तब उसका जूआ उनकी गर्दनों पर से और उसका बोझ उनके कंधों पर से उतर जाएगा” (१४:२५) और हनन्याह ने शायद इन शब्दों को पढ़ लिया था।
विचार और शब्द दोनों में काफी समानता थी, लेकिन एक झूठे भविष्यवक्ता द्वारा की गयी झूठी भविष्यवाणी थी, जबकि दूसरा परमेश्वर द्वारा अपने लोगों को दिया गया सन्देश।
दोनों परिस्थितियां भी समान थीं। यशायाह के समय में यहूदा पर अश्शूर ने आक्रमण कर इन्हें सताया था और यिर्मयाह के समय बेबिलोनियों ने।
लेकिन दोनों में बहुत बड़ा अन्तर भी था। यशायाह के समय में राजा हेजिकियाह परमेश्वर के प्रति विश्वास योग्य था और यहूदा के असंख्य लोग भी विश्वास योग्य थे। यिर्मयाह के समय तक आते आते सारे लोग और उनके राजा भी अति भ्रष्ट हो गये थे और परमेश्वर के न्याय का समय आ गया था।
इसीलिये गलत व्यक्ति द्वारा गलत लोगों के बीच गलत समय पर बोले गये ठीक शब्द भी गलत शब्द बन जाते हैं। परमेश्वर के वचन शैतान के वचन बन जाते हैं।