सुविचार
अवसादपूर्ण जीवन को हास चाहिए,
देश के गद्दारों की लाश चाहिए।
मुमूर्ष मानवता को सांस चाहिए और
भारत को फिर से सुभाष चाहिए।
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जिस समय हम किसी का
अपमान कर रहे होते हैं,
उस समय हम अपना
सम्मान खो रहे होते हैं।