प्रश्नोपनिषद्

प्रश्नोपनिषद्


9. इस उपनिषद् को प्रश्नोपनिषद् इसलिए कहा जाता है कि इसमें छः ऋषियों ने पिप्पलाद ऋषि से छ: प्रश्न पूछे थे। उन छ: ऋषियों के नाम हैं- (1) सुरेशा, (2) कबन्धी, (3) कौशल्य, (4) गार्ग्य मुनि, (5) वेदर्भि, (6) सत्यकाम। पिप्पलाद शब्द का अर्थ है जो पिप्पल की कलियाँ खाकर ही गुजारा करता हो ।


10. शरीर में पाँच प्राण निम्नलिखित स्थानों में रहते हैं- हृदय में प्राण, गुदा में अपान, नाभि में समान, नाड़ियों में व्यान और सुषुम्णा नाड़ी में उदान रहते हैं।


11. सोलह कलाएं निम्नलिखित हैं- (1) प्राण, (2) श्रद्धा, (3)पृथिवी, (4) जल, (5) वायु,(6) आकाश, (7) ज्योति, (8) इन्द्रिय, (9) मन, (10) अन्न, (11) मन्त्र, (12) तप, (13) वीर्य, (14) लोक, (15) कर्म, (16) नाम।


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