क्या यीशु परमेश्वर है?

नए नियम में लगभग 1000 बार यीशु के नाम का उल्लेख है, लेकिन इनमें कितनी बार यह कहता है कि वह परमेश्वर है? इसके लेखक यीशु के बारे में कई अद्भुत विवरण देते हैं, लेकिन उनमें से कोई भी यह नहीं कहता कि वह परमेश्वर हैं।



  • पौलुस ने कहा कि यीशु “परमेश्वर के स्वरूप में” था (फिल २:५)।

  • यूहन्ना ने लिखा, “... यीशु परमेश्वर का पुत्र है ...” (१यूहन्ना ५:५)।

  • पतरस ने उसे “हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह” बताया (२पतरस १:११)।

  • यहूदा ने उसे “हमारे एकमात्र स्वामी और प्रभु” (यहूदा ४) के रूप में वर्णन किया।

  • पौलुस ने लिखा “वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहिलौठा है।” (कुलु १:१५) और

  • “परमेश्वर शरीर में प्रकट हुआ था ...” (१तिमु ३:१६) और

  • “परमेश्वर मसीह के द्वारा, दुनिया को अपने साथ मिलाप में ला रहा था” (२कोर ५:१९)।

  • इब्रानियों के लेखक ने लिखा है: “वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है” (इब्रा १:३)


उपरोक्त सभी पद स्पष्ट रूप से कह सकते थे कि यीशु परमेश्वर थे। परन्तु उनमें से कोई भी ऐसा नहीं करता । नए नियम के अन्य भाग हमें यीशु के बारे में कई अद्भुत बातें बताते हैं; लेकिन उनमें से कोई भी यह नहीं कहता कि वह परमेश्वर हैं। यह कलीसियाओं की शिक्षा है, लेकिन बाइबल की शिक्षा नहीं।


यीशु ने स्वयम् अपनी पहचान के विषय में क्या कहा? उन्होंने अपने शिष्यों से पूछा, “तुम क्या कहते हो, मैं कौन हूँ?” पतरुस ने उत्तर दिया, “आप मसीह हैं, जीवित परमेश्वर के पुत्र” (मत्ती १६:१६)। यीशु ने पतरस के उत्तर के लिए अपनी पूरी स्वीकृति दी: “कि हे शमौन योना के पुत्र, तू धन्य है; क्योंकि मांस और लोहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है। (मत्ती १६:१७)।पतरस ने ऐसा क्यों नहीं कहा, “आप मसीह, जीवित परमेश्वर हैं”? बस, यह ऐसा इसलिए है क्योंकि कलीसिया हमें बताती है कि यीशु परमेश्वर हैं, लेकिन बाइबल और यीशु स्वयं ऐसा नहीं बताते हैं।


पूरे नए नियम में केवल एक पद हमें स्पष्ट रूप से बताती है कि यीशु परमेश्वर हैं। जब अपने पुनरुत्थान के बाद यीशु ने बंद दरवाजों के बावजूद अन्दर प्रवेश कर थोमा को अपने छेदों वाले हाथ और पैर दिखाए, तब थोमा ने विस्मय के साथ स्वीकार किया था, “मेरे प्रभु, मेरे परमेश्वर” (यूहन्ना २०:२८)। यह यीशु के स्वभाव के बारे में एक सैद्धांतिक टिप्पणी नहीं थी, बल्कि आश्चर्यपूर्ण स्वीकारोक्ति थी, जब उसने मसीह में परमेश्वर को आमने सामने पाया था। उसने यीशु में परमेश्वर को देखा। हम सिर्फ इस एक कथन का अर्थ यह नहीं लगा सकते हैं कि यीशु ही परमेश्वर हैं, जैसा कि हमने देखा, यीशु के बारे में कोई भी सैद्धान्तिक शिक्षा ऐसा नहीं बताती है।


बाईबल के कुछ भाग त्रिएक परमेश्वर के विषय में अस्पष्ट हैं और विभिन्न अनुवादकों ने उन्हें अलग तरीके से अनुवादित किया है। अधिकांश बाईबल अनुवादक त्रिएक परमेश्वर में विश्वास करने वाले रहे हैं और उन्होंने अपनी परंपरा के अनुसार इन खण्डों का अनुवाद किया है।


मैं इस विषय में एक और महत्वपूर्ण बात बताना चाहता हूं: यदि यीशु परमेश्वर हैं और हम केवल नश्वर मनुष्य, तो हमें बहुत कम आशा है कि हम कभी भी उनके समान हो सकते हैं; लेकिन अगर वह परमेश्वर के पुत्र हैं, और हम नए जन्म के द्वारा ईश्वर के पुत्र और पुत्री और यीशु के भाई-बहन बनते हैं, तो हमें यह अद्भुत आशा है कि हम परिवर्तन हो सकते हैं और यूशु के समान हो सकते हैं और उसके जैसा जीवन व्यतीत कर सकते हैं।


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