क्रोध क्यों नहीं आता


क्रोध क्यों नहीं आता


संत एक नाथ से किसी ने जानना चाहा कि "आप भी हमारी तरह मनुष्य हैं, हम सब एक ही मिट्टी के बने हैं लेकिन हमारी तरह आपको गुस्सा क्यों नहीं आता?" एकनाथ ने कहा कि देखो भाई एक तो हमें हमेशा याद रहता है कि हम इस दुनिया में थोड़े दिनों की जिन्दगी लेकर आये हैं, तो जाने कब वापस जाना पड़े। दूसरे यह जिन्दगी तो प्यार करने के लिए और अच्छा व्यवहार करने के लिए ही थोड़ी है, तो झगड़े के लिए कहां से समय निकालें। तीसरी बात यदि किसी पर क्रोध करना भी चाहता हूँ तो हर जगह, हर किसी में मुझे मेरा परमात्मा बैठा नजर आता है, हर इंसान के अंदर उसी के दर्शन होते हैं। इसलिए मैं डरता रहता हूँ कि यदि क्रोध किया तो मेरे परमात्मा की कृपा मुझसे दूर हट जायेगी। इसलिए मैं क्रोध नहीं करता।


" हर गुस्सा किसी मूर्खता से शुरु होता है और पश्चात्ताप पर जाकर खत्म हो जाता है।"


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