कठोपनिषद्
कठोपनिषद्
8. उद्दालक ऋषि के पुत्र नचिकेता ने यमराज से निम्नलिखित 3 वर मांगे थे(1) जब वह वापिस अपने पिता के पास मृत्युलोक में जाए तो पिता उसेप पहचान ले और उसका क्रोध उस पर बिल्कुल भी न रहे। (2) दूसरे वर में उसने यज्ञ में अग्निचयन कीविधि पूछ ली। जहाँ पर यज्ञ होगा वहाँ पर सुख, शांति एवं आनन्द होगा। 3. तीसरे वर में उसने गूढ़तम आत्मविद्या प्राप्त करने की इच्छा प्रकट की थी।