इस भौतिक जगत में 

  इस भौतिक जगत में 
 मन और भवन रूपी मकान को 
 समय समय पर साफ करते रहना 
           बहुत ही जरुरी है 
                 क्योंकि 
    मकान में बेमतलब का सामान 
                   और 
          जीवन रूपी मन में भी 
बेमतलब गलत फहमियां भर जाती है 
     जो हमारे जीवन में हानियां को 
     उत्पन्न करके हमें दुखी करती है 
       जीवन में मन भर कर जियो 
                     पर 
     मन में बेकार की वस्तुओ को  
             भर कर मत जियो 
 जिससे जीवन में कष्ट रूपी दुःख हो 
इस भौतिक जगत को देखते चलते रहो 
                रुकना नही है 
    रुकने का नाम मृत्यु रूपी दुःख है  
       चलते रहने का नाम जीवन है 


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