हिन्दुओं और मुसलमानों में समानताएं -
हिन्दुओं और मुसलमानों में समानताएं -
1.मुस्लिम मक्का में काले पत्थर की पूजा करते हैं उसे चूमते हैं । मुहम्मद साहब को परमात्मा वा अल्लाह का पैगम्बर मानते हैं । हिन्दुू काले रंग के शिवलिंग की पूजा करते हैं, देवी देवताओं व पत्थर की मूर्तियों की पूजा करते हैं। भगवान जो निराकार है सर्वव्यापक है उसकी सैंकडों प्रकार की मूर्तियों बना कर उनका हार श्रंगार करते हैं भोग लगाते हैं प्राण प्रतिष्ठा का नाटक करते हैं हिन्दू राम, कृष्ण, राधा, ब्रह्मा, विष्णु, शिव , गणेश, महादेव, महाकाल, हनुमान, वैष्णो माता, संतोषी माता, शीतला माता, काली माता आदि को परमात्मा का अवतार मान कर पूजते हैं।
2. हिन्दू श्राद्ध करते हैं अर्थात मरे हुए पितरों को खाना खिलाते हैं, मुसलमान शवरात करते हैं उनका मानना है रात को मुर्दे खाना खाने के लिए उठते हैं।
3. मुस्लिम हज के लिए अपने तीर्थ स्थान मक्का मदीना जाते हैं।हिन्दू काशी, मथुरा, बृन्दावन, हरिद्वार, केदारनाथ,पाशुपतिनाथ,अमरनाथ, रामेश्वरम् आदि में जाते हैं।
4. हिंदू मंदिरों को पवित्र मानते हैं और वहां जाकर अपने आराध्य देवों को भोग लगाते हैं, झूला झुलाते हैं,रंगबिरंगे कपडे पहनाते हैं ,दूध से नहलाते हैं। मुस्लिम मस्जिदों को पवित्र मानते हैं और वहाँ जाकर सातवें आसमान पर रहने वाले अल्लाह की इबादत करते हैं नमाज पढते हैं ।
5. हिन्दू मूर्तियों की पूजा से करोडों अरबों रुपया इकट्ठा करते हैं । मुसलमान मस्जिदों के नाम से करोडों अरबों रुपया इकट्ठा करते हैं । दोनों ही इस पैसे का दुरुपयोग करते हैं । उसे शिक्षा, चिकित्सा व समाज सेवा में नहीं लगाते । कुछ तो उससे मदिरापान करते हैं, वेश्यागमन करते हैं, कुछ करोडों अरबों की मूर्तियां बना कर उन्हें पानी में बहा देते हैं ।
6. हिंदुओं में भयंकर जन्मगत जातिवाद है- जैसे राजपूत ब्राह्मण, जाट,बनिया, ठाकुर,भंगी,चमार आदि। मुस्लिमों में भी भयंकर जातिवाद है जैसे शिया, सुन्नी , पठान ,शेख ,खान आदि ।
7. हिन्दू भगवान् के नाम पर वा देवी देवताओं के नाम पर जीव हत्या करते हैं- जैसे पाशुपति में हर साल करीब दो लाख भैंसों की बलि दे डालते हैं और उनका मांस तल भून कर खा जाते हैं। बिहार उतराखंड के सैंकड़ों मन्दिरों में प्रतिबंध के बाबजूद आज भी देवी देवताओं को बलि दी जाती है । मुसलमान भी बकरीद पर करोडों गाय,भैंसो, बकरों व ऊंटों की बलि देते हैं और उनका मांस तल भून कर खा जाते हैं ।
8. हिन्दू औरत का सम्मान नहीं करते -दहेज के नाम पर, विधवा के नाम पर, सती प्रथा के नम पर, बलात्कार के नाम पर हिन्दू औरतों की दुर्गति की घटनाएं हिन्दूओं में दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही हैं । मुस्लिमों में कई कई औरतों से शादी करना, तलाक देना, हलाला करना, बुर्के में कैद करना, दहेज मांगना आदि । इस तरह इस्लाम में भी औरतों की बहुत ज्यादा दुर्गति है ।
9. हिन्दू आसाराम, निर्मल बाबा, रामपाल, चिन्मयानंद जैसे बलात्कारियों पाखंडियों और विवेकानंद जैसे मांसाहारियों को अपना गुरु मानते हैं । मुस्लिम भी मारकाट लूटपाट करने वाले सैंकडों मुगल शासकों व पीर पैगम्बरों की पूजा करते हैं ।
10. हिन्दू अठारह पुराणों को अपना धर्म ग्रन्थ मानते हैं, मुसलमान कुरान को अपना धर्म ग्रन्थ मानते हैं जबकि दोनों में काल्पनिक किस्से कहानियों व वेदविरुद्ध विज्ञान विरुद्ध बातों की भरमार है ।
11.अन्धविश्वास व पाखंड की पोल खोलने पर व झूठी आस्थाओं पर चोट करने पर हिन्दू मुसलमान दोनों ही आर्यों को गन्दी गन्दी गालियां निकालते हैं और मारने की धमकियां देते हैं । कट्टरपंथी हिन्दुओं ने शंकराचार्य व दयानंद जैसे त्यागी तपस्वी सन्यासियों को विष देकर मार डाला । कट्टरपंथी मुसलमानों ने स्वामी श्रद्धानंद व लेखराम जैसे महापुरुषों को मार डाला ।
हिन्दू ,मुस्लिम ,सिक्ख ,जैन बौद्ध , ईसाई नाम के बाडों से निकल कर परमपिता परमात्मा की अमरवाणी वेद की शरण में आने और एक वेदमत को अपनाने में ही सबका कल्याण है । महर्षि दयानंद कृत सत्यार्थप्रकाश के पठन मनन से ही धर्म अधर्म के सत्यस्वरूप को जाना जा सकता है, मनुष्य को मनुष्य बनाया जा सकता है, सब अन्धविश्वास पाखंड को दूर किया जा सकता है।
कृण्वन्तोविश्वार्यम !