ईसा और मरियम 4

यदि ईसा, देवी मरियम से उसके कँवारे पन के गर्भ से उत्पन्न हुआ था तो निश्चयपूर्वक यहूदी कानून के अनुसार उसे मृत्यु से बचाने के लिए यह स्वप्न की कहानी यूसुफ द्वारा फर्जी गढ़ी गई है, यह हर बुद्धिमान व्यक्ति स्वीकार करेगा। यह मान लेने के बाद कि यूसुफ से ही मसीह का जन्म हुआ था मरियम का चरित्र स्वच्छ व पवित्र बताया जा सकता है। इससे ईसामसीह को भी मरियम की अवैध सन्तान कहने का किसी को अवसर नहीं मिल सकता है। इसके विपरीत जो किताब इन्जील तथा जो कोई ईसाई पादरी ईसा को मरियम के कुँवारेपन के अवैध गर्भ से उत्पन्न हुआ बताते हैं वे सब देवी मरियम व ईसा मसीह के पवित्र चरित्र के शत्रु हैं, वे उनको बलात कलंकित करते फिरते हैं। बाइबिल (पुराना नियम) मूलतः हिबू* .


अर्थात् -* इब्रानी भाषा में लिखी गई थी। अंग्रेजी व अन्य भाषाओं में उसके अनुवाद ही छपे हैं। हिब्रू भाषा की बाइबिल में मरियम के लिए 'आमला' शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ होता है 'जवान औरत'। । कुंवारी लड़की के लिए 'बतोला' शब्द का प्रयोग होता है यदि मरियम कुँवारी होती तो उसके लिए भी 'आमला' के स्थान पर 'बतोला' लिखा गया होता, यह भी मरियम को जवान विवाहित औरत प्रमाणित सिद्ध करता है। अतः ईसा का जन्म मरियम के कुँवारेपन के गर्भ से हुआ हो यह बात बुद्धि विरूद्ध है, तथा यहूदी कानून के विरूद्ध है, नैतिकता के विरूद्ध है, और स्वयं मत्ती के पहिले कहे हुए वाक्य के विरूद्ध है, तथा हिब्रू अर्थात इब्रानी भाषा में छपे मूल बाइबिल के भी उक्त प्रमाण के विरूद्ध है। ___यदि ईसाइयों की मान्यता के अनुसार ईसा कुँवारी मरियम के गर्भ में पैदा होने की बात मानी जावेगी तो संसार में दुर्बल चरित्र की कुंवारी लड़कियाँ जो गर्भवती हो जाती हैं वे भी खुदा या फरिश्ते से अपने गर्भाधान की बात कहने को स्वतन्त्र होगी और उन्हे भी सच्चा मानना पड़ेगा। ईसा को यहूदी लोगों ने पकड़ कर सूली पर चढ़ा दिया और वह अपने खुदा से इमदाद माँगने के लिए रोता रहा और ऐली-ऐली कहकर चिल्लाता रहा, परन्तु उसका खुदा मौन चुप्पी साधे बैठा देखता रहा। क्या कोई खुदा या उसके बेटे को भी कत्ल कर सकता है? जिसकी हत्या इन्सान कर डाले वह न खुदा होगा, न मुक्तिदाता * होगा और न खुदा का बेटा ही हो सकता है। सभी लोगों को ईसाइयों के इस झूठे प्रचार से सावधान रहना चाहिये।


Popular posts from this blog

ब्रह्मचर्य और दिनचर्या

वैदिक धर्म की विशेषताएं 

अंधविश्वास : किसी भी जीव की हत्या करना पाप है, किन्तु मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े को मारने में कोई पाप नही होता ।