आज का वैदिक भजन
आज का वैदिक भजन
अँखियाँ प्रभु दर्शन की प्यासी
देखन चाहत उस रसनिधि को
निशदिन रहत उदासी
अँखियाँ प्रभु दर्शन की प्यासी
पात-पात में जिनकी लीला
भक्त हृदय के वासी
अँखियाँ प्रभु दर्शन की प्यासी
जिनके प्रेम फन्द में फंसकर
छूट जाये सब फाँसी
अँखियाँ प्रभु दर्शन की प्यासी
स्वर :- श्रीमती मीनू पुरुषोत्तम