ओ३म्
ओ३म्
हे ज्ञानवान भगवन् हमको भी ज्ञान दे दो
करूणा के चार छींटे करूणा निधान दे दो।।
सुलझा सकें हम अपने जीवन की उलझनों को।
प्रज्ञा ऋतम्भरा सी बुद्धि का दान दे दो।।1।।
अपनी मदद हमेशा खुद आप करें जो।
इन बाजुओं में शक्ति हे शक्तिमान दे दे।।2।।
दाता तुम्हारे दर पे किस चीज की कमी है
चाहे तो निर्धनों की दौलत की खान दे दो।।3।।
हे ईश तुम हो सबकी बिगड़ी बनाने वाले
जीवन सफल बने जो थोडा सा ज्ञान दे दो।।4।।
डर है पथिक तुम्हारा रास्ता न भूल जाये
भक्तों की मण्डली में हमको भी स्थान दे दो।।5।।